सीएम तीरथ रावत ने की महिला सशक्तिकरण व बाल विकास विभाग की समीक्षा, कहा-आंगनबाड़ी केंद्रों में समय पर पहुंचे पोषाहार
सीएम तीरथ सिंह रावत ने महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि केंद्र और राज्य सरकार के जरिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का लाभ लाभार्थियों को समय पर मिले।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। आंगनबाड़ी केंद्रों में महिलाओं और बच्चों को दिए जाने वाले अतिरिक्त पोषाहार की कोई कमी नहीं रहेगी। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शनिवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषाहार समय पर पहुंचे, यह सुनिश्चित कराया जाए। उन्होंने कहा कि जिन आंगनबाड़ी केंद्रों के अभी भवन नहीं बने हैं, उनके निर्माण कार्यों में तेजी लाई जाए। साथ ही इन केंद्रों में पानी, बिजली की सुचारू व्यवस्था करने को भी कहा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला एवं बाल विकास से संबंधित विभिन्न योजनाओं का लाभ लाभार्थियों को समय पर मिले, यह भी सुनिश्चित होना चाहिए। इस क्रम में आंगनबाड़ी कार्यकत्र्ताओं की उपस्थिति की नियमित मानीटरिंग की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से मिलने वाले बजट का शत-प्रतिशत सदुपयोग और टेक होम राशन का वितरण समय पर करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने महिलाओं व बच्चों में एनीमिया की समस्या को नियंत्रित करने को क्या प्रयास हो सकते हैं, इसकी कार्ययोजना बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास संबंधित चल रही योजनाओं का लाभ लाभार्थियों को आवेदन के बाद तुरंत मिल जाए, यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
इस मौके पर मुख्यमंत्री को बताया गया कि प्रदेश में 20033 आंगनबाड़ी केंद्र हैं। बाल पोषाहार योजना में कोविड-19 के कारण अभी हॉट कुक्ड मील के स्थान पर टेक होम राशन दिया जा रहा है। छह माह से तीन वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को हर माह पांच तारीख को टेक होम राशन का वितरण किया जा रहा है। मुख्यमंत्री बाल पोषण अभियान में तीन से छह साल के बच्चों को हफ्ते में दो दिन केला और दो दिन अंडा दिया जा रहा है। गर्भवती व धात्री महिलाओं को प्रत्येक माह अतिरिक्त पोषाहार दिया जा रहा है।
बताया गया कि नंदा-गौरा योजना में जिन परिवारों की वार्षिक आय 72 हजार रुपये से कम है, उन्हें बालिका के जन्म पर 11 हजार और 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण करने पर 51 हजार रुपये की राशि दी जा रही है। यह लाभ परिवार की प्रथम दो बालिकाओं को दिया जा रहा है। बैठक से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास राज्यमंत्री रेखा आर्य, सचिव एचसी सेमवाल समेत अन्य अधिकारी जुड़े।
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