आइएएस वीक की मस्ती संग सीएम की क्लास, पढ़िए पूरी खबर
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत विकास कार्यों पर छाई सुस्ती सुस्ती तोड़ने को शासन और जिलों के अधिकारियों की सोमवार से दो दिन तक क्लास लेंगे।
देहरादून, रविंद्र बड़थ्वाल। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत विकास कार्यों पर छाई सुस्ती सुस्ती तोड़ने को शासन और जिलों के अधिकारियों की सोमवार से दो दिन तक क्लास लेंगे। आइएएस वीक के चलते मुख्यमंत्री का यह कार्यक्रम पर दूसरी बार मंडरा रहा खतरा टल गया है। दोनों कार्यक्रम साथ-साथ चलेंगे। आइएएस वीक की मस्ती के साथ अधिकारियों को जवाबदेही के मोर्चे पर भी जूझना होगा।
सूबे की सत्ता में पहली बार प्रचंड बहुमत से आई सरकार पर जन उम्मीदों पर खरा उतरने का दबाव बढ़ गया है। वहीं शासन के गलियारों से लेकर जिलों के स्तर पर सरकार के कई ड्रीम प्रोजेक्ट फंसे हुए हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की बार-बार हिदायतों के बाद भी कई अहम योजनाएं अंजाम को तरस गई हैं। ईज ऑफ लिविंग पर खास जोर दे रही सरकार सामाजिक क्षेत्र की स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वच्छता, रोजगार और आजीविका की योजनाओं की रफ्तार को तेज करना चाहती है। वहीं शासनादेशों और नीतियों के जरिए जिलों तक भेजी गईं अटल आयुष्मान, नए राशनकार्ड, शहरी निकायों में स्वच्छता और ठोस कूड़ा निस्तारण और हरित ऊर्जा की योजनाओं के प्रदर्शन सरकार नाखुश है।
सौर ऊर्जा, पिरूल नीति जारी होने के बाद उत्साह और उमंग के साथ निवेशक तो आ गए, लेकिन धरातल पर योजनाओं को अंजाम देने में जिलाधिकारियों समेत संबंधित महकमों के हाथ-पांव फूल रहे हैं। पर्यटन जैसे रोजगारपरक क्षेत्र और संसाधनों से भरपूर वन महकमे की कई योजनाएं फाइलों की शोभा बढ़ाने तक सिमट गई हैं। सुशासन के लिए सीएम हेल्पलाइन में दर्ज शिकायतों के निपटारे में ढिलाई सरकार की चिंता का बड़ा सबब बना है। इसी वजह से मुख्यमंत्री दो दिनों तक अधिकारियों का कामकाज में सुधार के गुर बताएंगे।
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इस अवधि में आइएएस वीक भी प्रस्तावित है। इस वजह से मुख्यमंत्री का कार्यक्रम न टले इसलिए इसे एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफीसर्स कॉन्फ्रेंस का रूप दिया गया है। यह आइएएस वीक के साथ खत्म हो जाएगा। इससे पहले भी मुख्यमंत्री का ये कार्यक्रम बीती नौ और दस जनवरी को प्रस्तावित था, लेकिन व्यस्तता के चलते इसे टालना पड़ा था।
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