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प्रदेश में बनेगा 500 बेड का जच्चा-बच्चा अस्पताल: मुख्यमंत्री

सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि अगर महिलाओं की आर्थिकी मजबूत नहीं होगी तो समाज भी आगे नहीं बढ़ पाएगा।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Fri, 06 Jul 2018 04:22 PM (IST)Updated: Sat, 07 Jul 2018 05:13 PM (IST)
प्रदेश में बनेगा 500 बेड का जच्चा-बच्चा अस्पताल: मुख्यमंत्री
प्रदेश में बनेगा 500 बेड का जच्चा-बच्चा अस्पताल: मुख्यमंत्री

देहरादून, [जेएनएन]: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 13 महिलाओं और किशोरियों को तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित किया। जबकि 20 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को उत्कृष्ट कार्य के लिए राज्य स्तरीय 'आंगनबाड़ी कार्यकत्री पुरस्कार' से सम्मानित किया गया। इस दौरान सीएम रावत ने कहा कि महिलाओं को मजबूत बनाकर ही समाज को आगे ले जाया जा सकता है। 

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इस मौके पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश में हाईटेक सुविधाओं के साथ 500 बेड का जच्चा-बच्चा अस्पताल बनाया जाएगा। इसके लिए कुछ लोग जमीन दान करने को आगे आए हैं। एक साल के भीतर इसकी कार्ययोजना तैयार कर काम शुरू कर दिया जाएगा।

राज्य स्त्री तीलू रौतेली सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली 13 महिलाओं और किशोरियों को राज्य स्त्री शक्ति 'तीलू रौतेली पुरस्कार' से सम्मानित किया। इसके अलावा बाल विकास विभाग में कार्यरत 20 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को उत्कृष्ट सेवाओं के लिए राज्य स्तरीय 'आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पुरस्कार' से नवाजा। तीलू रौतेली पुरस्कार के तौर पर 21 हजार और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पुरस्कार के रूप दस हजार रुपये का चेक प्रदान किया गया। 

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अब हर साल वीरांगना तीलू रौतेली के जन्मदिन आठ अगस्त को यह सम्मान दिया जाएगा। इसमें हर जिले से अलग-अलग क्षेत्रों में काम करने वाली महिलाओं को शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य में महिला स्वास्थ्य को लेकर सरकार गंभीर है। ऐसे में प्रदेश स्तरीय जच्चा-बच्चा अस्पताल पर काम किया जा रहा है। 

हालांकि, यह अस्पताल कहां बनेगा, इसे उन्होंने भविष्य में तय करने की बात कही। कहा कि अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टरों के साथ हाईटेक मशीनें स्थापित करने की भी योजना है। जल्द ही अस्पताल की कार्ययोजना जनता के सामने रखी जाएगी। 

सीएम ने कहा कि समाज में सुधार के लिए दृढ़ संकल्प शक्ति और त्याग की भावना आवश्यक है। राज्य में पर्यावरण संरक्षण, समाज सुधार से लेकर राज्य निर्माण में मातृ शक्ति की महत्वपूर्ण भागीदारी रही है। तीलू रौतेली पुरस्कार समाज के लिए सर्वस्व त्याग करने वाली हमारी माताओं और बहनों को समर्पित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित होने वाली सायरा बानो ने बहुत ही हिम्मत का परिचय देते हुए तीन तलाक के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय तक लड़ाई लड़ी है।

महिलाओं के लिए चलार्इ जा रही कर्इ योजनाएं 

मुख्यमंत्री ने पुरस्कार प्राप्त करने वाली महिलाओं को बधाई देते हुए कहा कि बहुत सी ऐसी महिलाएं भी हैं जो कि राज्य में विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान कर रही हैं। राज्य सरकार महिलाओं की आर्थिकी को बेहतर करने के लिए अनेक योजनाओं पर काम कर रही है। 'देव भूमि प्रसाद' योजना का बहुत अच्छा परिणाम मिला है। केवल केदारनाथ में ही 2 माह में श्रद्धालुओं को 1.25 करोड़ रूपए (1 करोड़ 25 लाख) से अधिक के प्रसाद की बिक्री की जा चुकी है। बदरीनाथ व केदारनाथ के अलावा अब यह योजना पूर्णागिरी, जागेश्वर, चंडी देवी मंदिर में भी प्रारम्भ की गई है। आगे इसका और विस्तार किया जाएगा।  

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक रूप से उपलब्ध स्थानीय उत्पादों की महत्ता को समझना होगा। केवल इनका सर्टिफिकेशन किया जाना होगा। अति कुपोषित बच्चों के लिए राज्य में तैयार किए गए पोष्टिक आहार 'ऊर्जा' (मंडुवा, काला भट्ट, चैलाई, गेहूं, सोयाबीन, मक्का व मूंगफली आधारित खाद्य सामग्री) को राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है।  

सीएम ने कहा कि वीरांगना तीलू रौतेली का जन्म दिवस 8 अगस्त को होता है। इसलिए आगे से इस कार्यक्रम का अयोजन 8 अगस्त को किया जाएगा। राज्य सरकार केवल जच्चा-बच्चा के लिए 500 बेड का अस्पताल बनाएगी। इसके लिए उपयुक्त स्थान पर भूमि का चयन किया जाएगा।

वहीं, महिला व बाल विकास मंत्री श्रीमती रेखा आर्य ने कहा कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं हैं। तीलू रौतेली पुरस्कार का उद्देश्य उन महिलाओं के काम को मान्यता देना है, जिन्होंने समाज सुधार के लिए कठिन संघर्ष किया है। 

सीएम ने राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में अच्छा काम करने वाली 13 महिला और किशोरियों को प्रशस्ति पत्र और 21,000 की धनराशि का चेक देकर सम्मानित किया। इसके साथ ही उत्कृष्ठ कार्य कर योजना का लाभ अपने क्षेत्र के पात्र लाभर्थियों को प्रदान करने और समाज में जागरुकता लाने के लिए 20 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं प्रशस्ति पत्र और 10,000 की धनराशि देकर सम्मानित किया। 

दो माह में कमाए सवा करोड़

केदारनाथ में महिलाओं के समूह के साथ शुरू हुई 'देवभूमि प्रसाद' योजना को मुख्यमंत्री ने सरकार की उपलब्धि बताया। कहा कि महज दो माह के भीतर ही सिर्फ केदारनाथ में श्रद्धालुओं को सवा करोड़ के प्रसाद की बिक्री की गई है। जबकि, बद्रीनाथ, हरिद्वार और अन्य धामों की आय अलग है। इस योजना को अब पूर्णागिरी, जागेश्वर, चंडी देवी मंदिर में भी शुरू किया गया है।

इन्हें मिला तीलू रौतेली स्त्री शक्ति पुरस्कार

1. ऊधमसिंहनगर की सायरा बानो ने तीन तलाक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लडऩे में अहम भूमिका निभाई।

2. ऊधमसिंहनगर की निर्मला ने दक्ष पैरा बैडमिंटन दिव्यांग खिलाड़ी के रूप में राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।

3. उत्तरकाशी की छब्बी देवी ने गुलदार से भिड़कर खुद की और दो बेटियों की जान बचाकर साहस का परिचय दिया।

4. उत्तरकाशी की शिक्षिका उषा किरन बिष्ट ने कन्या जूनियर स्कूल डामटा में बालिका शिक्षा के क्षेत्र में अनुकरणीय कार्य किया है।

5. उत्तरकाशी की शिक्षिका सविता चमोली ने कन्या जूनियर स्कूल डामटा में बालिका शिक्षा के क्षेत्र में अनुकरणीय कार्य किया है।

6. अल्मोड़ा की हेमलता भट्ट गरीब और असहाय लोगों की मदद में अहम भूमिका निभा रही हैं।

7. बागेश्वर की पल्लवी उप्रेती ने ताइक्वांडो में राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर राज्य का मान बढ़ाया है। 

8. ऋषिकेश की अंजू ने अपनी जान की परवाह न कर तीन लोगों को गंगा में डूबने से बचाया और साहस का परिचय दिया।

9. देहरादून की मृणालिका ने कराटे और  बॉक्सिंग में राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।

10. हरिद्वार की डॉ. पुष्पारानी वर्मा को शालाघर के माध्यम से निर्धन बालिकाओं को शिक्षित करने के लिए सम्मान मिला।

11. नैनीताल की त्रितिक्षा कपिल ने ताइक्वांडो में राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृट प्रदर्शन किया।

12. पिथौरागढ़ की हेमा थलाल को बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान और कन्या भ्रूण हत्या रोकने में अहम भूमिका निभाने के लिए सम्मान दिया गया।

13. रुद्रप्रयाग की उपासना सेमवाल को बालिका शिक्षा, समाज में व्याप्त कुरीतियों के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाने पर सम्मान दिया गया।

इन्हें मिला आंगनबाड़ी पुरस्कार 

राज्य स्तरीय आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पुरस्कार से अल्मोड़ा की शबनम खातून, आशा आर्य, बागेश्वर की शिखा जोशी, चमोली की आशा, देहरादून की नीतू नेगी, पिंकी देवी, हरिद्वार की रितेश, रुक्मिणी खरे, उर्मिला, नैनीताल की अनिता चौहान, पे्रमा जोशी, पौड़ी की मीनाक्षी नैथानी, कविता देवी, लक्ष्मी देवी पंवार, रुद्रप्रयाग की हेमलता देवी, टिहरी की रेखा भट्ट, ममता देवी, ऊधमसिंहनगर की रंजीता अरोड़ा, सीमा सैनी एवं उत्तरकाशी की विमला देवी को सम्मानित किया गया।

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