विज्ञान के प्रायोगिक पहलू समझेंगी छात्राएं
जागरण संवाददाता, देहरादून: राजकीय बालिका इंटर कॉलेज, राजपुर रोड की छात्राएं अब विज्ञान एवं
जागरण संवाददाता, देहरादून: राजकीय बालिका इंटर कॉलेज, राजपुर रोड की छात्राएं अब विज्ञान एवं तकनीक के प्रायोगिक पहलुओं को बेहतर ढंग से समझ सकेंगी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गुरुवार को विद्यालय में नवनिर्मित प्रयोगशाला कॉम्पलेक्स का उद्घाटन किया। रोडिक कंसल्टेंसी प्राइवेट लिमिटेड ने इस प्रयोगशाला के लिए सीएसआर मद से तकरीबन 60 लाख रुपये की सहायता दी है। इस कॉम्पलेक्स में भौतिकी, रसायनशास्त्र और जीव विज्ञान की प्रयोगशालाएं बनाई गई हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सीएसआर (कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) के तहत प्रदेश में विभिन्न कार्य किए जा रहे हैं। अब जरूरत इस बात की है कि हम एमएसआर (माई सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) की तरफ भी ध्यान दें। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में हर 12 छात्र पर एक अध्यापक तैनात है, यह स्थिति अन्य राज्यों से काफी अच्छी है। मुख्यमंत्री बनने के छह माह बाद मैंने आइएएस अधिकारियों को स्कूलों में भेजकर जरूरतों एवं मूलभूत आवश्यकताओं की जानकारी लेने को कहा था। अधिकारी स्कूलों में जाकर बच्चों से मिले और उनकी समस्याओं को सुना। इस दौरान अनेक सुझाव प्राप्त हुए। अब प्रयोग के तौर पर जीजीआइसी राजपुर रोड से लैब शुरू की गई है। अधिक छात्र संख्या वाले कुछ अन्य स्कूलों में भी लैब बनाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि आइआइटी मुंबई के इंजीनियरों ने 'केयान' नाम से एक ऑनलाइन डिवाइस तैयार की है। इससे सैकड़ों विद्यालयों के छात्रों को एक स्थान से ऑनलाइन पढ़ाया जा सकता है। यह डिवाइस राजपुर रोड स्थित राजकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय देहरा में लगाई गई है। कुछ अन्य स्कूलों में भी इसे लगाया जाएगा।
शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने कहा कि विद्यालयों की स्थिति को मजबूत करने में सबका योगदान जरूरी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का विजन है कि जिन स्कूलों में संसाधनों का अभाव है, उन स्कूलों में शिक्षा का उत्थान होना चाहिए। इस अवसर पर महानिदेशक माध्यमिक शिक्षा कैप्टन आलोक शेखर तिवारी, रोडिक कंसल्टेंसी प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ मेजर जनरल(सेनि.) नीरज बाली, निदेशक एससीईआरटी सीमा जौनसारी, विद्यालय की प्रधानाचार्य प्रेमलता बौड़ाई आदि उपस्थित रहे। बेहोश हुई छात्रा
भीषण गर्मी के कारण प्रथम पंक्ति में बैठी विद्यालय की एक छात्रा कार्यक्रम के दौरान बेहोश हो गई। उस वक्त शिक्षा मंत्री का संबोधन चल रहा था। अन्य छात्राओं व शिक्षिकाओं ने उसे संभाला, पर वह बेसुध ही रही। इस दौरान मुख्यमंत्री ने अपना भाषण शुरू कर दिया। तब एनसीसी की छात्राओं की मदद से बेहोश छात्रा को वहां से ले जाया गया। ताज्जुब इस बात का है कि न शिक्षा मंत्री और न सीएम ने ही उसके विषय में पूछा।