सीएम हेल्पलाइन 1905 से होगी हर समस्या हल, जानिए कैसे
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि सीएम हेल्पलाइन 1905 के माध्यम से जनता अपने सवालों और शिकायतों को सीधे सरकार तक पहुंचा सकेंगे।
देहरादून, जेएनएन। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि सीएम हेल्पलाइन '1905' जनता के लिए बड़ी सौगात है। इसके माध्यम से जनता अपने सवालों और शिकायतों को सीधे सरकार तक पहुंचा सकेंगे। दर्ज शिकायतों को तय फॉरमेट और समय पर निस्तारित किया जाएगा। सभी विभाग हेल्पलाइन से जुड़ने के बाद अधिकारियों के काम का मूल्यांकन भी होगा। अच्छे काम का इनाम तो लापरवाही पर कार्रवाई झेलनी होगी।आइटी पार्क (सहस्रधारा) स्थित एसटीपीआइ (सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ इंडिया) भवन में शनिवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सीएम हेल्पलाइन 1905 का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि अभी तक शिकायतें अलग-अलग माध्यम और एक ही शिकायत कई बार आती थी। इन सब के निदान के लिए शिकायतें ऑनलाइन की गई हैं। शिकायतों के निस्तारण में पारदर्शिता और समय सीमा भी तय की गई है।
मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि अब मशीन झूठ नहीं बोलेगी। जो शिकायत दर्ज होगी, उसका निदान न हुआ तो यह ट्रैक पर देखी जा सकेगी। इसके लिए जिम्मेदार विभागों पर भी कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि हेल्पलाइन से समय की बचत होगी। हर माह प्राप्त शिकायतों के निस्तारण की समीक्षा एसीएस से ऊपर के अधिकारी करेंगे।मुख्यमंत्री ने स्वयं, सीएस और एसीएस को इसके लिए नामित किया है। इससे सरकार के गुड गर्वनेंस अवॉर्ड में भी फायदा मिलेगा। विभागों के कामों का सही मूल्यांकन, अधिकारियों की कार्यकुशलता भी देखी जा सकेगी। इस मौके पर सीएम समेत सीएस उत्पल कुमार सिंह, एसीएस राधा रतूड़ी, ओम प्रकाश आदि ने परिसर में पौध रोपण भी किया।
37 घंटे में पांच हजार शिकायतें
सोरविन बीपीओ सर्विस की बिजनेस हेड मनीषा प्रजापति ने बताया कि सीएम हेल्प लाइन 1905 को दो दिन पहले से चालू कर दिया गया था। इस दौरान हेल्पलाइन में पांच हजार से ज्यादा शिकायतें दर्ज हुई हैं। इनमें कई शिकायतें पूर्व में समाधान पोर्टल में भी दर्ज की गई थीं। दो से अधिक बार दर्ज शिकायतों को अलग करते हुए इनमें 687 सूचनाएं संबंधित विभाग को भेजी गई हैं। यह सब शिकायतें 37 घंटे के भीतर दर्ज की गई हैं।
44 विभागों की 150 योजनाएं ऑनलाइन
सीएम हेल्पलाइन से 44 विभागों को जोड़ दिया गया है। विभागों में संचालित करीब 150 योजनाएं भी इसमें शामिल हैं। हर योजना से जुड़ी शिकायतें आने पर संबंधित विभाग को भेजी जाएंगी। इनके निस्तारण की मॉनिटरिंग तहसील स्तर, विकास खंड स्तर, एसडीएम, एडीएम और डीएम से लेकर शासन में विभाग के सचिव स्तर तक की जाएंगी।
फीडबैक पर निस्तारित होगी शिकायत
सीएम हेल्पलाइन में दर्ज शिकायत तभी निस्तारित मानी जाएगी, जब संबंधित शिकायतकर्ता फीडबैक दे। फीडबैक पंजीकरण करने के बाद माना जाएगा कि शिकायत निस्तारित की जा चुकी है। इसके अलावा केंद्र से जुड़ी शिकायत भी संबंधित विभाग को भेजी जाएगी। यहां तक कि पुलिस और आपदा से जुड़ी शिकायतें भी संबंधित विभाग को ऑनलाइन फॉरवर्ड होंगी।
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