सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ऋषिकेश को दी 21 सौ करोड़ की सौगात, पढ़िए पूरी खबर
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने तीर्थ नगरी को 21 सौ करोड़ रुपए की सौगात दी है। यह धनराशि यहां के सीवर और स्वच्छता कार्यों में खर्च होगी।
ऋषिकेश, जेएनएन। नगर निगम की प्रथम वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ऋषिकेश तीर्थनगरी को 21 सौ करोड़ रुपये की सौगात दी। यह धनराशि यहां के सीवर और स्वच्छता कार्यों में खर्च होगी। मुख्यमंत्री ने कृष्णा नगर कॉलोनी और खांड गांव विस्थापित क्षेत्र को भी नगर निगम में शीघ्र शामिल किए जाने की घोषणा की।
नगर निगम के गठन को एक वर्ष पूर्ण होने पर श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज स्टेडियम में संकल्प से लक्ष्य की ओर कार्यक्रम आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि ऋषिकेश के विकास के लिए हमने 21 सौ करोड़ रुपये की योजना तैयार की है। अगले वर्ष तक यह धनराशि मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि इस धनराशि से हम ऋषिकेश की तस्वीर बदलना चाहते हैं।
उन्होंने ऋषिकेश में ट्रांसपोर्ट नगर, बड़ी पार्किंग सहित पीडब्ल्यूडी अतिथि गृह के समीप सड़क को त्रिवेणी घाट से दौड़ जाने संबंधी योजनाओं को स्वीकृत करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि कृष्णा नगर कॉलोनी और खांड गांव विस्थापित क्षेत्र को नगर निगम में शामिल किए जाने का प्रस्ताव बोर्ड द्वारा पारित कर शासन को भेजा गया है। हम अति शीघ्र इन क्षेत्रों को नगर निगम में शामिल करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आइडीपीएल की भूमि पर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर हम बनाने जा रहे हैं। वहां के लिए और भी बहुत कुछ सोचा है। उन्होंने श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज को दस लाख रुपये देने की भी घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नगर निगम की महापौर अनीता ममगाईं ने एक वर्ष के कार्यकाल में पूरी पारदर्शिता और ईमानदारी के साथ विकास कार्यों को आगे बढ़ाया है। ऋषिकेश को स्वच्छ रखने का अनुव्रत हम सबको लेना होगा। मुख्यमंत्री ने नगर निगम की पत्रिका संकल्प से लक्ष्य की ओर का विमोचन करने के साथ नगर में कूड़ा एकत्र करने के लिए 10 नए वाहनों का लोकार्पण भी किया। कार्यक्रम में गढ़ संस्कृति और देशभक्ति पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए।
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इस अवसर पर परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज, श्रीराम तपस्थली आश्रम के महामंडलेश्वर स्वामी दयाराम आदि मौजूद रहे। संचालन डा. सुनील थपलियाल ने किया।
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