दून की सफाई व्यवस्था बदहाल, महापौर के मोहल्ले में भी नहीं उठ रहा कूड़ा Dehradun News
शहर में डोर-टू-डोर सफाई व्यवस्था व कूड़ा उठान की व्यवस्था पूरी तरह ठप पड़ी है। हालात ये हैं कि महापौर सुनील उनियाल गामा के मोहल्ले से ही पिछले पांच दिन से कूड़े का उठान नहीं हुआ।
देहरादून, जेएनएन। शहर में डोर-टू-डोर सफाई व्यवस्था व कूड़ा उठान की व्यवस्था पूरी तरह ठप पड़ी है। हालात ये हैं कि महापौर सुनील उनियाल गामा के मोहल्ले से ही पिछले पांच दिन से कूड़े का उठान नहीं हो रहा। इसे लेकर क्षेत्रीय पार्षद रमेश बुटोला ने महापौर व नगर आयुक्त से मुलाकात कर शिकायत दर्ज कराई।
सफाई व्यवस्था पर निगम के स्वास्थ्य अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा आमजन को भुगतना पड़ रहा है। यह काम संभाल रही चेन्नई एमएसडब्लू कंपनी की मनमानी जारी है और स्वास्थ्य अधिकारी शहर में सफाई व्यवस्था पुख्ता होने का दावा कर रहे। इसे लेकर पार्षदों ने मोर्चा खोल दिया है। कूड़ा उठान की बदहाली को लेकर भाजपा और कांग्रेसी पार्षदों ने संयुक्त रूप से महापौर व नगर आयुक्त से शिकायत की व बताया कि वार्डों में हफ्ते-हफ्ते तक कूड़ा उठान नहीं हो रहा। गाड़ियां नहीं आ रहीं। इस कारण पार्षदों को स्थानीय लोगों का विरोध झेलना पड़ रहा है।
आरोप है कि कंपनी वर्तमान में पुराने 60 वार्डों के लिए 93 गाड़ियां चलाने का दावा कर रही लेकिन इनमें से आधी भी नहीं चल रहीं। महापौर ने मामले में उचित कदम उठाने की बात कही है।
पांच साल की मशक्कत के बाद नगर निगम ने शहर में डोर-टू-डोर कूड़ा उठान का जिम्मा नई कंपनी को दिया है। शुरुआत में वर्ष 2011 से मार्च 2014 तक यह काम डीवीडब्लूएम कंपनी ने देखा, लेकिन बाद में हाथ खड़े कर दिए। फिर नगर निगम ने यह काम अपने निर्देशन में एक आउट-सोर्सिंग कंपनी के जरिए कराया लेकिन यूजर-चार्ज में हर महीने निगम को दस से पंद्रह लाख रुपये की चपत लगती रही।
पहले निगम में 25 लाख के आसपास यूजर चार्ज आ रहा था, जो महज 10 लाख रह गया। इस बीच जनवरी-18 में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट शुरू हुआ तो डोर-टू-डोर कूड़ा उठान टेंडर कराना भी जरूरी हो गया। हालात ये हैं कि निगम ने इस काम के लिए उसी कंपनी की सहयोगी कंपनी का चयन किया जो सॉलिड वेस्ट प्लांट संभाल रही।
बहरहाल, इस साल फरवरी के पहले सप्ताह में नई कंपनी ने 15 वार्ड से कूड़ा उठान का ट्रायल शुरू किया और माह के अंत में 30 वार्ड से कूड़ा उठान शुरू कर दिया गया। मौजूदा समय में कंपनी पुराने परिसीमन के सभी 60 वार्ड में कूड़ा उठान का दावा कर रही। हालांकि, शिकायतें हैं कि नई कंपनी भी पुराने नक्शे-कदमों पर चल रही और हफ्ते में महज एक दिन ही गाड़ी आ रही। इन सभी के बीच कंपनी के कर्मचारियों पर यूजर चार्ज में अवैध वसूली के आरोप भी लगे।
कांग्रेसी पार्षद रमेश बुटोला समेत भाजपा के पार्षद भूपेंद्र कठैत व नंदिनी शर्मा आदि ने कंपनी के विरुद्ध शिकायत की। इनका आरोप यह है कि कूड़ा उठान एक-एक हफ्ते तक नहीं हो रहा। वहीं, दो दिन पहले मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. कैलाश जोशी एवं वरिष्ठ नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. आरके सिंह दावा कर रहे थे कि हर वार्ड में सफाई व्यवस्था पूरी तरह सुचारु है। पार्षदों ने यह आरोप भी लगाए कि स्वास्थ्य अधिकारियों की ओर से जिम्मेदारी का भी निर्वहन नहीं किया जा रहा है।
कब खत्म होगा इनका एटैचमेंट
निगम के वरिष्ठ नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. आरके सिंह के एटैचमेंट को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं। दरअसल, डा. सिंह की मूल तैनाती मसूरी नगर पालिका की है लेकिन वे पिछले कई साल से एटैचमेंट पर दून नगर निगम में जमे हुए हैं। तीन वर्ष पूर्व उन्हें वापस मसूरी भेज दिया गया था मगर डेंगू का प्रकोप बढऩे पर एक माह के लिए दोबारा एटैचमेंट पर बुलाया गया। एक माह का अटैचमेंट तीन साल बाद भी खत्म नहीं हुआ। ऐसे में मसूरी की सफाई व्यवस्था प्रभावित हो रही है।
कंपनी की मनमानी नहीं होगी बर्दाश्त
महापौर सुनील उनियाल गामा के अनुसार, डोर-टू-डोर कूड़ा उठान को लेकर नई कंपनी की शिकायतें मिली हैं, जो गंभीर मामला है। मेरा एक ही ध्येय है कि शहर पूरी तरह स्वच्छ रहे। कंपनी की मनमानी बर्दाश्त नहीं होगी। अधिकारियों की तरफ से अगर लापरवाही की जा रही तो इसके विरुद्ध भी कदम उठाए जाएंगे।
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