बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने अमित शाह को भेजा पत्र, कहा- पंचायत घर और प्राथमिक विद्यालयों में बने कोविड केयर सेंटर
बढ़ते कोरोना संक्रमण व इससे बिगड़ती स्थिति को देखते हुए उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र भेजकर कुछ सुझाव दिए हैं। जिसमें कहा गया है कि उत्तराखंड में ग्राम स्तर पर पंचायत घर व प्राथमिक विद्यालयों को सीसीसी बनाया जा सकता है।
जागरण संवाददाता, देहरादून। प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण व इससे बिगड़ती स्थिति को देखते हुए उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र भेजकर कुछ सुझाव दिए हैं। जिसमें कहा गया है कि उत्तराखंड में ग्राम स्तर पर पंचायत घर व प्राथमिक विद्यालयों को सीसीसी (कोविड केयर सेंटर) बनाया जा सकता है। जिससे अस्पतालों में दबाव कम होगा और आमजन को घर के पास ही चिकित्सकीय समेत अन्य सुविधा उपलब्ध हो पाएगी।
शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री को भेजे पत्र में आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने कहा कि जिस तरह से कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है। उससे आगे भी स्थिति सामान्य नजर नहीं आ रही है। कोरोना संक्रमण अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी तेजी से फैल रहा है। रुद्रप्रयाग जिले में 40 बच्चों का संक्रमित होना इसका स्पष्ट उदाहरण है। ग्रामीण क्षेत्रों में सुविधा न होने के कारण शहर के अस्पतालों में अधिक भीड़ लगी है। संक्रमितों को कई दिनों तक उपचार के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। यहां तक की बेड भी आसानी से उपलब्ध नहीं हो रहे हैं। इसे देखते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूल और पंचायत घरों को कोविड केयर सेंटर के रूप में उपयोग में लिया जा सकता है। साथ ही यहां एएनएम, आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता समेत भोजनमाताएं अपनी सेवाएं दे सकती हैं। यहां 20-20 बिस्तर व बेड की व्यवस्था ग्रामीण आपस में मिलकर कर सकते हैं। खाद्यान्न सरकारी राशन विक्रेताओं को आदेश जारी कर उपलब्ध कराया जा सकता है।
अनाथ बालिका के संरक्षण के संबंध में मांगी रिपोर्ट
बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने कोरोनाकाल में अनाथ बागेश्वर की बालिका के संरक्षण को लेकर जिलाधिकारी से रिपोर्ट मांगी है। ऊषा नेगी ने बताया कि इंटरनेट मीडिया के माध्यम से जानकारी मिली कि बागेश्वर में व्यापारी की कोविड अस्पताल के आइसीयू में मौत हो गई। घटना के चार घंटे बाद उनकी पत्नी की भी मौत हो गई। मृतक दंपती ने 13 वर्ष पहले एक बालिका को गोद लिया था, लेकिन उनकी मौत के बाद बालिका बेसहारा हो गई है। ऊषा नेगी ने कहा कि इस मामले में घटना, बालिका के संबंधियों की जानकारी व बालिका को संरक्षण के लिए बाल संरक्षण गृह में भेजने के संबंध में 15 दिन के भीतर रिपोर्ट भेजने को कहा है।
यह भी पढ़ें-उत्तराखंड के DGP अशोक कुमार बोले, कालाबाजरी करने वालों पर लगेगी रासुका
Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें