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मुख्य सचिव एसएस संधु ने नमामि गंगे और पेयजल योजनाओं मे गति लाने के दिए निर्देश

उत्‍तराखंड के मुख्य सचिव एसएस संधु ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में पेयजल सीवरेज प्रबंधन सैनिटेशन तरल एवं ठोस अपशिष्ट प्रबंधन व निस्तारण से संबंधित कार्यों की गुणवत्ता बनाए रखते हुए इनमें तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।

By Sunil NegiEdited By: Published: Wed, 11 Aug 2021 04:15 PM (IST)Updated: Wed, 11 Aug 2021 04:15 PM (IST)
मुख्य सचिव एसएस संधु ने नमामि गंगे और पेयजल योजनाओं मे गति लाने के दिए निर्देश
मुख्य सचिव एसएस संधु ने नमामि गंगे और पेयजल योजनाओं मे गति लाने के दिए निर्देश।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। मुख्य सचिव एसएस संधु ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में पेयजल, सीवरेज प्रबंधन, सैनिटेशन, तरल एवं ठोस अपशिष्ट प्रबंधन व निस्तारण से संबंधित कार्यों की गुणवत्ता बनाए रखते हुए इनमें तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने नमामि गंगे परियोजना के कार्यों की गुणवत्ता बेहतर रखते हुए इन कार्यों को भी गति देने को कहा है।

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मंगलवार को मुख्य सचिव एसएस संधु ने पेयजल व जल संस्थान के अधिकारियों के साथ जल जीवन मिशन, अमृत योजना, स्वच्छ भारत मिशन व नमामि गंगे परियोजना से संबंधित कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि जिन योजनाओं की अभी डीपीआर बनानी शेष है अथवा कार्य गतिमान हैं, उनकी समयसीमा निर्धारित करते हुए कार्यों को पूरा किया जाए। पेयजल योजना की डीपीआर बनाते समय स्थानीय भौगोलिक स्थिति का ध्यान रखा जाए। इस बात का विशेष ध्यान दिया जाए कि जल का अधिकतम सदुपयोग हो। उन्होंने कहा कि इस तरह की योजनाओं में तेजी लाई जाए। स्वच्छ भारत मिशन के संबंध में उन्होंने कहा कि इसके अंतर्गत बनाए गए शौचालयों में पानी की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। उन्होंने दोनों विभागों को आपसी समन्वय बनाते हुए कार्यों में तेजी लाने के भी निर्देश दिए।

बैठक में सचिव पेयजल नितेश कुमार झा, अपर सचिव नितिन भदौरिया, उदयराज सिंह, जल संस्थान के मुख्य प्रबंधक एसके शर्मा व अधिशासी अभियंता नमित रमोला समेत संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

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मंडी समिति के आढ़ती कर रहे मनमानी

दून स्ट्रीट वेंडर्स एसोसिएशन ने निरंजनपुर मंडी समिति के सचिव को ज्ञापन भेजकर आढ़तियों पर मनमानी करने का आरोप लगाया है। एसोसिएशन ने मंगलवार को भेजे गए ज्ञापन में कहा कि आढ़ती वेंडर के लिए अभद्र भाषा इस्तेमाल करते हैं। आलू की बोरी 50 किलो की बताई जाती है, जबकि उसका वास्तविक वजन 46 से 47 किलो निकलता है। सूखी बोरी की जगह गीली बोरी में माल दिया जाता है। गत्ते की पैकिंग वाली फल-सब्जियों में गत्ते का वजन भी कम नहीं किया जाता। इसके अलावा छह फीसद के बजाय सात फीसद आढ़त की वसूली करने, अनार के डिब्बों में एक किलो की कटौती करने व कम गुणवत्ता का माल देने का भी आरोप लगाया। सचिव से मांग की गई कि वह इस मनमानी पर तत्काल प्रभाव से लगाम कसें।

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