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सैलानियों को खींच रहा चौरासी कुटी का आकर्षण, लगातार बढ़ रही संख्या

चौरासी कुटी की भले ही तीन दशक तक अनदेखी होती रही हो मगर अब यह झोलियां खूब भर रही है। नैसर्गिक सौंदर्य से परिपूर्ण यह स्थली सैलानियों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।

By Edited By: Published: Fri, 10 Jan 2020 10:05 PM (IST)Updated: Sat, 11 Jan 2020 04:45 PM (IST)
सैलानियों को खींच रहा चौरासी कुटी का आकर्षण, लगातार बढ़ रही संख्या
सैलानियों को खींच रहा चौरासी कुटी का आकर्षण, लगातार बढ़ रही संख्या

देहरादून, राज्य ब्यूरो। भावातीत ध्यान योग के प्रणेता महर्षि महेश योगी की साधना स्थली रही चौरासी कुटी की भले ही तीन दशक तक अनदेखी होती रही हो, मगर अब यह झोलियां खूब भर रही है। राजाजी नेशनल पार्क (आरएनपी) की गौहरी रेंज में नैसर्गिक सौंदर्य से परिपूर्ण यह स्थली सैलानियों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। 2019 में चौरासी कुटी में 40 हजार से ज्यादा पर्यटक पहुंचे और पार्क को 78 लाख की आय भी हुई। इस स्थली के कद्रदानों की निरंतर बढ़ती संख्या से उत्साहित पार्क प्रशासन अब वहां पर्यटक सुविधाओं के विस्तार की दिशा में कदम बढ़ाने जा रहा है। 

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ऋषिकेश से सात किलोमीटर की दूरी पर प्रकृति की सुरम्य वादी में है चौरासी कुटी। भावातीत ध्यान योग के प्रणेता महर्षि महेश योगी ने 1970 के आसपास यहां शकराचार्य नगर की स्थापना की। योग साधना को वहां गुंबदनुमा 84 कुटियाएं बनाई गई। इससे यह स्थल चौरासी कुटी के नाम से मशहूर हुआ। मशहूर रॉक बैंड बीटल्स ग्रुप के चार सदस्यों ने यहां सालभर रहकर कई विश्व प्रसिद्ध गीतों की धुनें तैयार की थीं। वास्तुकला के इस नमूने चौरासी कुटी को राजाजी नेशनल पार्क के अस्तित्व में आने के बाद बंद कर दिया गया और 1984 में यह क्षेत्र वीरान हो गया। 
लंबे इंतजार के बाद दिसंबर 2015 में चौरासी कुटी को फिर से पर्यटकों के लिए खोला गया। तब से इस धरोहर के कद्रदानों का यहां रुख करने का सिलसिला निरंतर बढ़ रहा है। साथ ही इसने पार्क के राजस्व में बढ़ोतरी के दरवाजे भी खोले हैं। आंकड़े इसकी तस्दीक करते हैं। 2015 में आठ दिसंबर को खुलने से लेकर 31 दिसंबर तक यहां कुल 629 सैलानी आए थे, जबकि आय हुई ढाई लाख। अब जरा 2019 में जनवरी से दिसंबर तक आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो चौरासी कुटी में 40679 सैलानी आए और पार्क को आय हुई 78.45 लाख रुपये। सैलानियों के बढ़ते इस रुझान से पार्क प्रशासन उत्साहित है।
चौरासी कुटी में पर्यटक वर्ष (जनवरी से दिसंबर)
भारतीय,    विदेशी,     आय(लाख रुपये में) 
2019, 35291, 5388,  78.45 
2018, 23852, 3939,  50.51 
2017, 13888, 818,    20.33 
2016, 8262, 1173,    18.08 
2015, 448,   181,       2.50
राजाजी नेशनल पार्क के निदेशक पीके पात्रो का कहना है कि चौरासी कुटी सैलानियों को निरंतर आकर्षित कर रही है। जाहिर है कि राजस्व में भी वृद्धि हुई है। अब वहां पर्यटक सुविधाओं के विस्तार की योजना है। इसके अलावा नमामि गंगे में बायोडायवर्सिटी पार्क भी प्रस्तावित है।

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