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चारधाम यात्रा 2022 : गौरीकुंड से आगे टूटा केदारनाथ पैदल मार्ग दो घंटे बाद सुचारु, यात्री रवाना

Chardham Yatra 2022 सोमवार को बारिश के कारण हाईवे पर यात्रियों को रोकने के बाद मंगलवार को गौरीकुंड पैदल मार्ग टूट गया था। हालांकि बाद में मार्ग सुचारू कर यात्रियों को आगे भेजा गया। सोमवार को बारिश के कारण हाईवे पर यात्रियों को रोका गया था।

By Nirmala BohraEdited By: Published: Tue, 17 May 2022 11:39 AM (IST)Updated: Tue, 17 May 2022 12:34 PM (IST)
चारधाम यात्रा 2022 : गौरीकुंड से आगे टूटा केदारनाथ पैदल मार्ग दो घंटे बाद सुचारु, यात्री रवाना
दस हजार से अधिक तीर्थयात्रियों को रोक दिया गया

जागरण संवाददाता, रुद्रप्रयाग : केदारनाथ पैदल मार्ग पर गौरीकुंड घोड़ा पड़ाव से डेढ़ किमी आगे अचानक पहाड़ी टूटने से मंगलवार सुबह छह बजे पैदल मार्ग अवरुद्ध हो गया। इससे यात्रा करीब चार घंटे बाधित रही। इस बीच रेस्क्यू दल यात्रियों को सुरक्षित निकालता रहा। यात्रा सुचारू होने पर सबसे पहले केदारनाथ से लौट रहे यात्रियों को गौरीकुंड पहुंचाया गया। इसके बाद गौरीकुंड से दोपहर 12 से दो बजे के बीच 10,800 यात्रियों को केदारनाथ जाने की अनुमति दी गई।

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बदरीनाथ हाइवे पर मलबा आने से यात्रियों की आवाजाही रोकी गई थी

वहीं, लगभग दस हजार यात्री विभिन्न पड़ावों पर रोके गए, जिन्हें बुधवार सुबह रवाना किया जाएगा। दूसरी ओर, कर्णप्रयाग- बदरीनाथ राजमार्ग पर मंगलवार सुबह साढ़े दस बजे के करीब गलनाऊं में पहाड़ी से बोल्डर व चट्टान गिरने से राजमार्ग तकरीबन दो घंटे तक बाधित रहा। सोमवार शाम भी बदरीनाथ हाइवे पर मलबा आने से यात्रियों की आवाजाही रोकी गई थी। ये यात्री मंगलवार सुबह धाम के लिए रवाना किए गए।

केदारनाथ पैदल मार्ग पर गौरीकुंड से लगभग डेढ़ किमी आगे पहाड़ी से बोल्डर व मलबा गिरने की सूचना पर पुलिस प्रशासन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आपदा प्रबंधन की टीम मौके पर पहुंची और मलबा हटाने में जुट गई। इस बीच टीम केदारनाथ दर्शनों से लौट रहे यात्रियों को भी सुरक्षित निकालती रहे। सुबह साढ़े दस बजे यातायात पूरी तरह सुचारू हो गया और केदारनाथ दर्शन कर लौट रहे यात्रियों को गौरीकुंड भेजा गया।

लगभग बारह बजे से गौरीकुंड से भी यात्रियों को केदारनाथ भेजा गया। रास्ता खुलने के बाद सोनप्रयाग से 11,500 यात्रियों को रवाना किया गया। इसके बाद गौरीकुंड से दोपहर बारह से दो बजे के बीच 10,800 यात्रियों को केदारनाथ जाने की अनुमति दी गई। मंगलवार को लगभग दस हजार यात्री गौरीकुंड, सोनप्रयाग, सीतापुर समेत विभिन्न पड़ावों में ठहरे हुए थे। इन्हें बुधवार सुबह रवाना किया जाएगा।

उक्त स्थान पर बार-बार हो रहा स्लाइड

जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग मयूर दीक्षित ने बताया कि केदारनाथ पैदल मार्ग बोल्डर आने से कुछ समय के लिए बाधित हुआ था, इस बीच यात्रियों को सुरक्षित निकाला जा रहा था। शीघ्र मार्ग को यातायात के लिए खोल दिया गया था। उक्त स्थान पर बार-बार स्लाइड होने की खबर है। वहां अतिरिक्त फोर्स तैनात की जा रही है, ताकि किसी तरह की अनहोनी को टाला जा सके।

दूसरी ओर, कर्णप्रयाग-बदरीनाथ राजमार्ग पर गलनाऊं में पहाड़ी से बोल्डर व चट्टान गिरने से मंगलवार सुबह राजमार्ग तकरीबन दो घंटेबाधित रहा। इससे बदरीनाथ से लौटने वाले और धाम की ओर जाने वाले सैकड़ों यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ी। मार्ग के दोनों ओर तीन से चार किमी लंबा जाम लग गया। राजमार्ग पर इन दिनों कर्णप्रयाग व गौचर के मध्य सुधारीकरण व पुल निर्माण का कार्य चल रहा है। सुबह साढ़े दस बजे के आसपास सुधारीकरण कार्य के दौरान पहाड़ी से भारी-भरकम चट्टान राजमार्ग पर आ गिरी।

तकरीबन दो घंटे की मेहनत के बाद साढ़े बारह बजे राष्ट्रीय राजमार्ग की टीम ने मार्ग को सुचारू किया। राजमार्ग बाधित होने पर पुलिस प्रशासन ने बदरीनाथ से लौट रहे यात्री वाहनों को नगर की प्रवेश सीमा पर रोक लिया। बावजूद इसके दोपहिया सहित निजी वाहनों की लंबी लाइन नगर की प्रवेश सीमा पंचपुलिया से गलनाऊं तक लगी रही। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अवर अभियंता प्रिंस कुमार ने बताया राजमार्ग पर गलनाऊं में पहाड़ी से गिरी चट्टान को तोड़कर आवागमन दोपहर 12 बजे सुचारू कर दिया गया।


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