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बारिश व ठंडी हवाओं ने निकलवाए गर्म कपड़े

विकासनगर शुक्रवार को ठंडी हवाओं और बारिश ने पछवादून में मौसम ठंडा कर दिया। इसका आम जनजीवन पर असर पड़ा ही खेती किसानी में परेशान किसानों को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Apr 2021 07:38 PM (IST)Updated: Fri, 23 Apr 2021 07:38 PM (IST)
बारिश व ठंडी हवाओं ने निकलवाए गर्म कपड़े
बारिश व ठंडी हवाओं ने निकलवाए गर्म कपड़े

संवाद सहयोगी, विकासनगर: शुक्रवार को ठंडी हवाओं और बारिश ने पछवादून में मौसम ठंडा कर दिया। अभी तक गर्मी के कपड़ों में घूम रहे क्षेत्र के लोग ठंड से बचने के लिए स्वेटर, जैकेट और कैप जैसे गर्म कपड़ों में नजर आए। उधर, बारिश से नगरीय क्षेत्रों से लेकर गांवों तक में जनजीवन को अस्त-व्यस्त करके रख दिया है। बारिश से बिजली-पानी जैसी आवश्यक सेवाएं भी व्यापक स्तर पर प्रभावित हुई हैं।

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पछवादून क्षेत्र में चार दिन पहले मौसम का मिजाज बदलना शुरू हुआ। शुक्रवार सुबह बारिश और ठंडी हवाओं ने क्षेत्र के जन-जीवन को बड़े पैमाने पर प्रभावित किया। क्षेत्र के हरबर्टपुर, विकासनगर और सेलाकुई जैसे नगरीय क्षेत्रों से लेकर ग्रामीण इलाकों में सड़कों पर पानी भरने के चलते क्षेत्रवासियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उधर, बारिश और लगातार चल रही तेज हवाओं से विद्युत और जलापूर्ति की व्यवस्था भी गड़बड़ा गई है। तेज हवा चलने के कारण बार-बार विद्युत आपूर्ति में लिए जा रहे कट से जहां क्षेत्रवासियों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है। वहीं बार-बार बिजली कटौती का असर क्षेत्र की जलापूर्ति पर भी पड़ रहा है। बिजली नहीं रहने के कारण पानी की आपूर्ति भी पर्याप्त मात्रा में नहीं हो रही है। ऊंचाई वाले पहाड़ी इलाकों में हो रही ओलावृष्टि व बर्फबारी का असर ठंडी हवाओं के साथ पछवादून में भी महसूस किया गया। ठंडी हवाओं से लगातार आ रही तापमान में गिरावट के कारण क्षेत्रवासी गर्म कपड़े पहनने को मजबूर हो गए हैं।

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बारिश से बर्बादी के कगार पर पहुंच गई गेहूं की फसल

संवाद सहयोगी, विकासनगर: पछवादून क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश गेहूं की खेती पर कहर बनकर बरस रही है। बारिश के कारण क्षेत्र में फसल की कटाई का काम पूरी तरह रुक गया है। इसके साथ ही जिन स्थानों पर फसल काटी गई थी वहां खेतों में पानी भर जाने के कारण नुकसान हुआ। उधर, गेहूं की फसल के साथ निकलने वाला भूसा भी खेतों में भीगकर खराब हो रहा है, जिससे क्षेत्र के पशुपालक भी काफी चिंतित हैं। कृषि विज्ञानी भी मौसम के इस रुख पर चिता जता रहे हैं।

पछवादून में गेहूं की फसल मुख्य मानी जाती है। सेलाकुई, सहसपुर, शिमला बाईपास पर बसे गांव, विकासनगर, डाकपत्थर, छरबा, बरोटीवाला आदि क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर किसान गेहूं की खेती करते हैं। इस बार गेहूं की फसल पर शुरू से ही संकट की स्थिति रही। फसल की बुवाई के बाद कम बारिश होने से पूरे सीजन किसानों की समस्या बढ़ी रही। पानी की कमी को किसानों ने जैसे-तैसे पूरा करके फसल को पकने के लिए तैयार कर लिया, लेकिन अब फसल के कटने के समय मौसम की बेरुखी ने उनकी सारी मेहनत पर पानी फेर दिया। गेहूं की कटाई अभी शुरू ही हुई थी कि प्रतिदिन हो रही बारिश और आंधी-तूफान की स्थिति ने उनकी परेशानी को बढ़ा दिया है। स्थिति यह है कि तैयार होने के बावजूद 75 प्रतिशत फसल की अभी कटाई शुरू नहीं हो सकी है। इसके अलावा जहां कहीं फसल की कटाई हुई भी है वहां खेतों में ही पड़ी हुई है। गिनती के किसानों ने गेहूं को काटकर अपने घरों तक लाने में कामयाबी हासिल की है, जबकि पशुओं के लिए तैयार भूसा खेत में ही भीग गया। इस स्थिति को कृषि विज्ञानी बेहद चिताजनक बता रहे हैं। कृषि विज्ञान केंद्र ढकरानी के कृषि विज्ञानी डॉ. संजय कुमार का कहना है कि पकने के बाद हो रही बारिश से गेहूं के दाने में नमी आएगी जिससे उसकी गुणवत्ता खराब हो जाएगी। इसके साथ ही फसल की कटाई में काम आने वाले थ्रेशर भी गीली फसल में ठीक से काम नहीं करेंगे। पानी में भीगने से भूसा मवेशियों के खाने के लायक नहीं रहेगा। उनका कहना है यदि एक दो दिन में मौसम की स्थिति नहीं सुधरी तो काफी नुकसान किसानों को उठाना पड़ सकता है।


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