32 साल बाद कोटी कनासर आएंगे चालदा महासू
चंदराम राजगुरु, त्यूणी: 32 साल बाद 29 नवबंर को चालदा महासू हिमाचल के थरोच मंदिर से प्रवास
चंदराम राजगुरु, त्यूणी:
32 साल बाद 29 नवबंर को चालदा महासू हिमाचल के थरोच मंदिर से प्रवास पर जौनसार-बावर के कोटी-कनासर आएंगे। देवता के कोटी आगमन को लेकर कंडमाण क्षेत्र की चार खतों ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है।
जौनसार-बावर परगना व हिमाचल के लोग चार भाई महासू को कुल देवता के रूप में पूजते व मानते हैं। जौनसार-बावर के हनोल में महासू देवता का प्राचीन भव्य मंदिर है। जिसे पांडवकालीन समय का बताया जाता है। धार्मिक मान्यतानुसार चार भाई महासू देवता में सबसे बड़े बाशिक महासू, दूसरे नंबर के बोठा महासू, तीसरे नबंर के पवासी महासू व चौथे नबंर के चालदा महासू हैं। इनमें बोठा महासू का मंदिर हनोल में, बाशिक महासू का मैंद्रथ में और पवासी महासू का मंदिर बंगाण क्षेत्र के ठडियार व देवती-देववन में है। जबकि चालदा महासू देवता जौनसार-बावर, बंगाण, फतह-पर्वत व हिमाचल क्षेत्र के प्रवास पर रहते हैं। मान्यतानुसार चालदा महासू हमेशा प्रवास पर रहते हैं। देव पालकी को क्षेत्रीय लोग पूजा-अर्चना के लिए एक जगह से दूसरे जगह प्रवास पर ले जाते हैं। देवता के प्रवास पर रहने से कई खतों में दशकों बाद चालदा महासू के दर्शन लोगों को नसीब होते हैं। कुछ इलाकों में तो देवता के दर्शन की चाह में पीढि़यां गुजर जाती है। चालदा महासू इन दिनों हिमाचल के प्रवास पर थरोच मंदिर में है। 32 साल के लंबे इंतजार बाद हिमाचल से चालदा महासू 29 नवबंर को प्रवास पर कोटी-कनासर आएंगे। जिसके लिए कंडमाण क्षेत्र मशक खत, भरम खत, कैलौऊ खत व धुनौऊ खत के लोगों की महापंचायत में चालदा महासू के कोटी प्रवास का कार्यक्रम फाइनल किया गया। महापंचायत में रायशुमारी के बाद धुनौऊ खत के स्याणा शमशेर ¨सह चौहान की अगुआई में चार खतों के संभ्रात लोग बीते गुरुवार को हिमाचल के थरोच मंदिर गए और देवता से इजाजत लेकर चालदा महासू के प्रवास का कार्यक्रम घोषित किया। खत स्याणा शमशेर ¨सह ने कहा 23 नवबंर को हिमाचल के थरोच मंदिर से चालदा महासू कोटी-कनासर के लिए प्रस्थान करेंगे और 29 नवबंर को प्रवास पर कोटी-कनासर पहुंचेंगे। मौके पर स्याणा फतेह ¨सह चौहान, स्याणा पूरण ¨सह चौहान गोरछा, स्याणा संजय, स्यणा पूरण ¨सह कैलोऊ, इंद्र ¨सह आदि मौजूद रहे।