दीपोत्सव पर उल्लास की रोशनी से जगमग हुई तीर्थनगरी
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश: प्रकाश पर्व दीपावली तीर्थनगरी में हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। इस दौर
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश: प्रकाश पर्व दीपावली तीर्थनगरी में हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। इस दौरान दीप श्रंखलाओं और रंगविरंगी रोशनी से तीर्थनगरी जगमगा उठी। वहीं लोगों ने मां लक्ष्मी की पूजा के साथ घरों में पकवान बनाए और मिठाइयां बांटी।
बुधवार को दीपावली का त्योहार तीर्थनगरी व आसपास क्षेत्र में जोरदार अंदाज में मनाया गया। लोग पिछले कई दिनों से दीपावली की तैयारियों में जुटे थे। बुधवार को सांझ ढलते ही तीर्थनगरी रोशनी से जगमग होने लगी थी। लोगों ने घरों में मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना के साथ दीप जलाकर रोशनी के पर्व को मनाया। लोगों ने अपने घरों और इमारतों को रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया था। दीपावली पर अमावस्या का अंधेरा तो था, मगर रोशनी की जगमगाहट ने इस अंधेरे का अहसास ही नहीं होने दिया। ऊंचाई वाले क्षेत्रों से तीर्थनगरी की छठा देखते ही बन रही थी। आसपास क्षेत्र स्वर्गाश्रम, लक्ष्मणझूला, तपोवन, नरेंद्रनगर मार्ग आदि से ऋषिकेश की शोभा देखने लायक थी। देर रात तक लोगों ने दीपावली पर फुलझड़ियां जलाकर उल्लास मनाया।
भैलो खेलकर मनाई दिवाली
तीर्थनगरी के ग्रामीण क्षेत्रों में कई जगह पारंपरिक तरीके से दिवाली का त्योहार मनाया गया। गढ़वाल क्षेत्र की संस्कृति में दीपावली को बग्वाल के रूप में मनाया जाता है। इस दिन पर चीड़ की ज्वलनशील लकड़ियों का भैलो तैयार कर उसे घुमाया जाता है। तीर्थनगरी के कई ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों ने भैलो के साथ दीपावली मनाई। गुमानीवाला मंसादेवी के भिलंगा कॉलोनी में स्थानीय लोगों ने ढोल-दमाऊ के साथ नृत्य कर भैलो खेला। इस अवसर पर संस्कृतिकर्मी अखिलेश नौटियाल, अनूप बसलियाल, भगवती सेमवाल, युद्धावीर चंद, राहुल रावत, सुमित कठैत, संदीप नेगी, कपित भट्ट आदि शामिल थे।
सड़कों पर लगे कूड़े के ढेर
दीपावली के बाद तीर्थनगरी की सड़कों पर कूड़े के ढेर नजर आए। दरअसल नगर क्षेत्र में सड़कों पर बड़ी संख्या में दुकानें सजी थी। दीपावली के बाद दुकानें तो सिमट गई। मगर, अस्थायी दुकानों के नीचे कूड़ा करकट बिखरा हुआ था। हालांकि सुबह नगर पालिका के सफाई कर्मियों ने कूड़ा एकत्र कर दिया। मगर, गीला होने के कारण कूड़े का उठान नहीं हो पाया। जिससे दिन भर कूड़े के यह ढेर सड़क पर ही पड़े रहे। ऋषिकेश नगर में गुरुवार को साप्ताहिक अवकाश होता है, इसलिए दीपावली के बाद गुरुवार को पूरा बाजार बंद रहा।
आधी रात तक जलते रहे पटाखे
इस बार उच्चतम न्यायालय ने दीपावली पर रात आठ बजे से दस बजे तक पटाखे जलाने के लिए गाइडलाइन दी थी। मगर इस आदेश का कोई असर नजर नहीं आया। हालांकि पूर्व के वर्षों की अपेक्षा इस वर्ष आतिशबाजी कुछ कम हुई, लेकिन दस बजे के बाद भी पटाखों का शोर नहीं थम पाया। लोगों ने मध्य रात्रि तक जमकर आतिशबाजी की। हालांकि न्यायालय के आदेश के तहत क्षेत्र में इस तरह की कोई शिकायत भी दर्ज नहीं हुई।