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बैंकों के नहीं मिल रहे कस्टमर केयर नंबर, ग्राहक परेशान

कोरोनाकाल में बैंकों के कस्टमर केयर नंबर भी ग्राहकों का साथ नहीं दे रहे हैं। ग्राहक घंटों तक मशक्कत कर रहे हैं लेकिन बैंकों के कस्टमर केयर नंबर नहीं लग रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 02 Oct 2020 09:08 PM (IST)Updated: Sat, 03 Oct 2020 05:05 AM (IST)
बैंकों के नहीं मिल रहे कस्टमर केयर नंबर, ग्राहक परेशान
बैंकों के नहीं मिल रहे कस्टमर केयर नंबर, ग्राहक परेशान

जागरण संवाददाता, देहरादून :

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कोरोनाकाल में बैंकों के कस्टमर केयर नंबर भी ग्राहकों का साथ नहीं दे रहे हैं। ग्राहक घंटों तक मशक्कत कर रहे हैं, लेकिन बैंकों के कस्टमर केयर नंबर नहीं लग रहे हैं। इनमें भारतीय स्टेट बैंक व पंजाब नेशनल बैंक भी शामिल हैं। इतना ही नहीं कुछ बैंकों के नंबर रात आठ बजे के बाद बंद हो जाते हैं। इनमें ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स भी शामिल है। रात आठ बजे के बाद इस बैंक का कस्टमर केयर नंबर लगाने पर केवल पहले से रिकार्ड साउंड सुनाई दे रहा है। एक तरफ कोरोना के चलते बैंक ग्राहकों को अनिवार्य काम के लिए ही बैंक आने की बात कह रहें है, वहीं दूसरी तरफ ग्राहक की सुविधा के लिए दिए गए टोल फ्री नंबर लग नहीं रहें हैं। जिससे छोटे-छोटे काम के लिए भी ग्राहकों को ऐसे संकट के समय में भी बैंकों का रुख करना पड़ रहा है, जो ग्राहक व बैंकर्स दोनों के लिए सुरक्षित नहीं है। ग्राहकों का कहना है कि बैंकों के टोल फ्री नंबर कभी व्यवस्त हैं, तो कभी बिना कुछ बोले ही फोन कट जाता है। इस पर बैंक अधिकारियों का कहना है कि कॉल सेंटर मुंबई हेड ऑफिस से संचालित होते हैं। उनका कहना है कि कोरोना काल में बैंकों के कॉल सेंटर पर लोड बढ़ गया है। जिस कारण कस्टमर केयर नंबर एक बार में नहीं लग रहे हैं। लगातार प्रयास करने पर नंबर लग रहे हैं। केस - 1

दर्शनलाल चौक निवासी बसंत शर्मा, एसबीआइ के खाताधारक हैं। उन्हें अपने एटीएम कार्ड संबंधी शिकायत के लिए बैंक सेवा अधिकारी से संपर्क करना था। लेकिन बैंक का कस्टमर केयर नंबर लगा ही नहीं। जिसके बाद मजबूरन उन्हें छोटे से कार्य के लिए बैंक जाना पड़ा। उन्होंने कहा कि कोरोनाकाल में बैंक जाना सुरक्षित नहीं है, लेकिन जरूरी काम के लिए उन्हें जाना पड़ा। अगर बैंक का नंबर लग जाता तो घर से ही कार्य हो जाता। केस 2

पटेलनगर निवासी देवेंद्र कुमार पंजाब नेशनल बैंक के खाताधारक हैं। उन्होंने अपने खाते से गूगल-पे के माध्यम से किसी को दस हजार रुपये भेजे। उनके खाते से पैसे कट भी गए, लेकिन जिसको पैसे भेजने थे, उन्हें नहीं मिले। इसके बाद उन्होंने कई घंटों तक बैंक के कस्टमर केयर नंबर पर संपर्क किया। लेकिन कस्टमर केयर को फोन नहीं लगा। बाद में शिकायत दर्ज कराने के लिए उन्हें बैंक जाना ही पड़ा।

केस - 3

प्रेमनगर निवासी आर्यवर्धन सिंह भारतीय स्टेट बैंक के खाताधारक हैं। खाते से पैसे कटने पर वह बैंक के कस्टमर केयर नंबर पर फोन कर रहे थे, लेकिन बैंक का नंबर व्यस्त आ रहा था। कई दिन बीतने के बाद भी उनकी बात कस्टमर केयर से नहीं हो पाई। जिसके बाद उन्हें बैंक की मेन ब्रांच जाकर शिकायत करनी पड़ी।


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