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आपदाग्रस्त क्षेत्रों में घरों के निर्माण में गड़बड़झाला

जून 2013 में आई जलप्रलय के बाद आपदा प्रभावित क्षेत्रों में आवासीय घरों के पुनर्निर्माण से संबंधित योजना में भी गड़बड़झाला हुआ।

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Feb 2019 10:39 PM (IST)Updated: Fri, 22 Feb 2019 10:39 PM (IST)
आपदाग्रस्त क्षेत्रों में घरों के निर्माण में गड़बड़झाला

राज्य ब्यूरो, देहरादून: जून 2013 में आई जलप्रलय के बाद आपदा प्रभावित क्षेत्रों में आवासीय घरों के पुनर्निर्माण से संबंधित योजना में भी गड़बड़झाला हुआ। कैग की रिपोर्ट के अनुसार इन क्षेत्रों में 136 लोगों को भूमि का मालिकाना हक न होने के बावजूद योजना का लाभ दे दिया गया। इस प्रकरण में अग्रेत्तर जांच का कोई आश्वासन भी नहीं दिया गया।

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उत्तराखंड में आपदा प्रभावित पांच जिलों रुद्रप्रयाग, चमोली, उत्तरकाशी, बागेश्वर व पिथौरागढ़ में आपदा रिकवरी परियोजना के तहत स्वामित्व चलित आवास निर्माण योजना में आवासीय घरों के पुनर्निर्माण को विश्व बैंक ने वित्त पोषित किया था। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की संस्तुतियों पर लाभार्थियों को सीधे भुगतान बैंक खातों में किया गया।

कैग की रिपोर्ट के अनुसार आवासीय घरों के लिए अक्टूबर 2013 में प्रावधान किया गया कि घरों का निर्माण उन लाभार्थियों की भूमि पर होगा, जिनके पास इसका मालिकाना हो। पांचों जिलों में चयनित लाभार्थियों से संबंधित अभिलेखों की लेखा परीक्षा में बात सामने आई कि कुल 2488 लोगों को योजना में लाभान्वित किया गया।

यह जानकारी भी सामने आई कि 136 ऐसे लाभार्थी हैं, जिनके नाम जमीन का मालिकाना हक नहीं था। इस बारे में आपदा प्रबंधन विभाग ने जवाब दिया कि लाभार्थियों का चयन जिला प्रशासन से प्राप्त प्रतिवेदन व संस्तुतियों के अनुसार किया गया। इसमें जांच का कोई और आश्वासन नहीं दिया गया।


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