Move to Jagran APP

मंत्रि‍मंडल ने उठाया कदम, पर्वतीय क्षेत्रों में अनिवार्य सेवा में दी छूट

मंत्रिमंडल ने डायनेमिक एश्योर्ड कैरियर प्रोग्रेशन में आड़े आ रही पर्वतीय क्षेत्र में सेवा करने की बाध्यता में एक बार के लिए छूट देने को मंजूरी दी है।

By Edited By: Published: Wed, 26 Dec 2018 09:43 PM (IST)Updated: Thu, 27 Dec 2018 01:10 PM (IST)
मंत्रि‍मंडल ने उठाया कदम, पर्वतीय क्षेत्रों में अनिवार्य सेवा में दी छूट
मंत्रि‍मंडल ने उठाया कदम, पर्वतीय क्षेत्रों में अनिवार्य सेवा में दी छूट

देहरादून, राज्य ब्यूरो। पर्वतीय क्षेत्र में अनिवार्य सेवा की बाधा के चलते उच्च वेतनमान लेने से वंचित हो रहे चिकित्सकों और दंत शल्य चिकित्सकों को आखिरकार राहत मिल गई। इस संबंध में चिकित्सकों के संगठन सरकार पर दबाव बनाए हुए थे।

loksabha election banner

मंत्रिमंडल ने डायनेमिक एश्योर्ड कैरियर प्रोग्रेशन (डीएसीपी) में आड़े आ रही पर्वतीय क्षेत्र में सेवा करने की बाध्यता में एक बार के लिए छूट देने को मंजूरी दी है। इससे चिकित्सकों को 6600 से लेकर 8900 ग्रेड वेतन मिलने का रास्ता साफ हो गया है।

चिकित्सा संघों का दबाव कारगर त्रिवेंद्र सिंह रावत मंत्रिमंडल ने बुधवार को इस संबंध में फैसला लिया। सरकार के प्रवक्ता व काबीना मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि चिकित्सकों को डीएसीपी के तहत चार वर्ष की सेवा पर पदोन्नत 6600 ग्रेड वेतन देने के लिए पर्वतीय क्षेत्र में दो वर्ष की सेवा अनिवार्य है। इसी तरह सात वर्ष की सेवा पर दिए जाने वाले 7600 ग्रेड वेतन में तीन वर्ष, नौ वर्ष की सेवा पर 8700 ग्रेड वेतन के लिए पांच वर्ष और 13 वर्ष की सेवा पर 8900 ग्रेड वेतन के लिए सात वर्ष पर्वतीय क्षेत्रों में सेवाएं देना आवश्यक है। उक्त प्रावधान के चलते मैदानी क्षेत्रों में ही कार्यरत रहे चिकित्सकों को उच्चतर वेतनमान नहीं मिल पा रहा था। मंत्रिमंडल ने इस बाधा को एक बार के लिए शिथिल करने पर सहमति दी है।

टिहरी झील पर उड़ान भरेंगे सी प्लेन

टिहरी झील में सी प्लेन उड़ने और उतरने की राह भी तैयार हो गई है। मंत्रिमंडल ने इस संबंध में तीन फैसलों को मंजूरी दी। केंद्र सरकार की रीजनल कनेक्टिविटी योजना 'उड़ान' के तहत सी प्लेन को टिहरी झील पर उतारने और चलाने के लिए केंद्र सरकार, एयरपोर्ट अथॉरिटी और राज्य सरकार के बीच सहमति पत्र हस्ताक्षरित करने को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी। साथ ही टिहरी में सी प्लेन के लिए 2.5 एकड़ भूमि देने का निर्णय भी लिया गया। मंत्रिमंडल ने सी प्लेन योजना में घाटा होने के अंदेशे पर चर्चा की। यह तय किया गया कि ऐसा होने पर 80 फीसद खर्च केंद्र और 20 फीसद खर्च राज्य सरकार उठाएगी। सी प्लेन के ईधन (एविएशन टरबाइन फ्यूल) पर 20 फीसद वैट के स्थान पर सिर्फ एक फीसद वैट राज्य सरकार लेगी।

कंपनी को लौटाएंगे 4.54 करोड़ 

गढ़ी कैंट देहरादून में पांच सितारा होटल और कन्वेंशन सेंटर के लिए मैसर्स एपिटोम प्रोबिल्ड प्राइवेट लिमिटेड के साथ एमओयू और कंपनी की जमा राशि के भुगतान को लेकर विवाद के समाधान की दिशा में भी मंत्रिमंडल ने एक कदम आगे बढ़ाया। मंत्रिमंडल ने कंपनी की ओर से जमा कराई गई 4.54 करोड़ की धनराशि कंपनी को लौटाने का निर्णय लिया। इस राशि पर ब्याज के मसले पर बाद में निर्णय लिया जाएगा।

एसीएस की कमेटी गठित 

सचिवालय में कार्यरत विभिन्न महकमों के 27 कार्मिकों के संविलियन मसले पर भी मंत्रिमंडल ने चर्चा की। इस पर आगे निर्णय लेने के लिए अपर मुख्य सचिव कार्मिक राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में समिति गठित करने का निर्णय लिया गया। वहीं उत्तराखंड खाद्य सुरक्षा संवर्ग की नियमावली पर भी मंत्रिमंडल ने मुहर लगा दी। इस संवर्ग में 50 पदों के सृजन को मंजूरी दी गई है। इस मौके पर मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह भी मौजूद थे।

यह भी पढ़ें: कैबिनेट बैठक: नियमित कार्मिकों के रोजगार पर संकट, जानिए कैसे

यह भी पढ़ें: इलेक्शन मोड में भाजपा संगठन और सरकार, मोदी और शाह करेंगे दो-दो दौरे


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.