ग्रीन बोनस और विशेष पैकेज पर फिर मायूसी
राज्य ब्यूरो, देहरादून
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के पहले आम बजट में उत्तराखंड को विशेष पैकेज और ग्रीन बोनस मिलने की आस पूरी नहीं हो सकी। बीते वर्ष आपदा की तबाही से उबरने को जूझ रहे राज्य को पुनर्निर्माण और आपदा प्रभावित परिवारों और गांवों के पुनर्वास के लिए राज्य अब अलग से आर्थिक मदद की उम्मीद संजोए है।
राज्य का वन क्षेत्र 65 फीसद से बढ़कर 71 फीसद तक पहुंच चुका है। अपने विशाल वन क्षेत्र की बदौलत ग्रीन डेफिसिट राज्यों को पर्यावरणीय-पारिस्थितिकीय सेवाएं मुहैया करा रहे उत्तराखंड को ग्रीन बोनस देने की मांग राज्य की सरकारें लंबे अरसे से कर रही हैं। मोदी सरकार के बजट में ग्रीन बोनस के मुद्दे पर चुप्पी साधी गई है। केंद्रीय बजट में ग्रीन क्रेडिट के लिए नेशनल एक्सचेंज की मुराद अधूरी रह गई है।
अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में एनडीए की पहली सरकार में राज्य को मिले विशेष औद्योगिक पैकेज की बहाली नहीं हो सकी। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए की दूसरी सरकार ने राज्य को विशेष पैकेज से दूरी बनाए रखी है। बीते वर्ष आपदा ने राज्य को तबाह करने में कसर नहीं छोड़ी। चार धाम तीर्थाटन समेत राज्य में पर्यटन और परिवहन व्यवसाय की कमर टूट चुकी है। केंद्रीय बजट में आपदा की तबाही से राज्य को उबरने के लिए विशेष पैकेज की उम्मीद भी पूरी नहीं हुई है।