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त्यूणी में पांच दिन से बीएसएनएल सेवा ठप, ग्रामीणों को हो रही है परेशानी

संचार निगम की उदासीनता से सीमांत त्यूणी क्षेत्र में पिछले पांच दिनों से नेटवर्क व्यवस्था ठप है। इससे सैकड़ों ग्रामीण उपभोक्ता परेशान हैं।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sun, 19 Jul 2020 01:44 PM (IST)Updated: Sun, 19 Jul 2020 01:44 PM (IST)
त्यूणी में पांच दिन से बीएसएनएल सेवा ठप, ग्रामीणों को हो रही है परेशानी
त्यूणी में पांच दिन से बीएसएनएल सेवा ठप, ग्रामीणों को हो रही है परेशानी

चकराता (देहरादून), जेएनएन। संचार निगम की उदासीनता से सीमांत त्यूणी क्षेत्र में पिछले पांच दिनों से नेटवर्क व्यवस्था ठप है। इससे सैकड़ों ग्रामीण उपभोक्ता परेशान हैं। सबसे ज्यादा परेशानी ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे छात्र-छात्राओं हो रही है।

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जौनसार-बावर के सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों में बीएसएनएल की नेटवर्क व्यवस्था का बुराहाल है। यहां आए दिन किसी ना किसी कारण नेटवर्क की समस्या रहती है। जिससे ग्रामीण जनता को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। सीमांत त्यूणी तहसील क्षेत्र में हजारों ग्रामीण उपभोक्ताओं को नेटवर्क व्यवस्था से जोड़ने वाले गेट बाजार त्यूणी के पास लगा मोबाइल टावर पिछले पांच दिन से खराब है।

इस टावर से मिनी लिंक बावर के कूणाधार में लगा टावर व पर्यटन स्थल हनोल में लगे तीनों टावर ठप है। इसके अलावा चिल्हाड़ व भटाड़-कथियान में लगे दो अन्य टावर भी काम नहीं कर रहे। सीमांत क्षेत्र में नेटवर्क की समस्या के चलते ग्रामीणों को बड़ी परेशानी हो रही है। सबसे ज्यादा परेशानी दूर-दराज के सैकड़ों ग्रामीण छात्र-छात्राओं को झेलनी पड़ती है। कोविड-19 के चलते स्कूल-कॉलेज बंद होने से सभी छात्र-छात्राएं घरों में बैठकर ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं। 

कई शिक्षण संस्थान विद्यार्थियों से ऑनलाइन पढ़ाई के साथ कोर्स करा रहे हैं। कूणा के क्षेत्र पंचायत सदस्य विक्रम सिंह पंवार, सामाजिक कार्यकर्ता रमेश चौहान, भरत सिंह राणा, डॉ. बलराज सिंह थापा, हरीश कुकरेजा आदि ने कहा नेटवर्क व कनेक्टिविटी की समस्या के चलते सीमांत क्षेत्र के सैकड़ों विद्यार्थी ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर पा रहे। नेटवर्क व्यवस्था ठप पडऩे से ग्रामीण किसानों व स्थानीय व्यापारियों का संपर्क अन्य जगह से कटा गया है। बेपरवाह संचार निगम अधिकारी शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे। जिससे ग्रामीण जनता में आक्रोश है। कहा क्षेत्र में अधिकांश उपभोक्ता बीएसएनएल सेवा से जुड़े हैं। ऐसे में ग्रामीणों की मुश्किलें ज्यादा बढ़ गई। 

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