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विदेशी कश्मीर आएंगे स्विट्जरलैंड को भूल जाएंगे: उमा भारती

पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा कि आने वाले तीन साल में दुनियाभर के पर्यटक कश्मीर आएंगे और स्विट्जरलैंड को भूल जाएंगे।

By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 19 Sep 2019 04:16 PM (IST)Updated: Thu, 19 Sep 2019 09:01 PM (IST)
विदेशी कश्मीर आएंगे स्विट्जरलैंड को भूल जाएंगे: उमा भारती
विदेशी कश्मीर आएंगे स्विट्जरलैंड को भूल जाएंगे: उमा भारती

देहरादून, जेएनएन। आने वाले तीन साल में दुनियाभर के पर्यटक कश्मीर आएंगे और स्विट्जरलैंड को भूल जाएंगे। अनुच्छेद 370, 35 ए हटने के बाद कश्मीर का नियोजित विकास होगा। कश्मीर का एक तबका जो हमेशा सरकारी योजनाओं से वंचित रहा, उसका अब समुचित विकास होगा। कश्मीर के विकास के लिए अस्थायी तौर पर लगाई अनुच्छेद 370 को हटना बहुत जरूरी था। यह बात पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने भाजपा के जनजागरण अभियान के शुभारंभ अवसर पर कहीं।

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गुरुवार को सुभाष रोड स्थित एक वेडिंग प्वाइंट में भाजपा के जनजागरण अभियान का शुभारंभ पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सांसद अजय भट्ट ने दीप प्रज्‍ज्वलित कर किया। उमा भारती ने कहा कि जब अमरनाथ यात्रा से श्रद्धालु वापस बुलाए गए, देश के अन्य हिस्सों में रह रहे घाटी के लोगों को वापस घाटी भेजा गया। तब अलगाववादियों ने सोचा कि 35ए हटाने की तैयारी है। 35ए हटाना भी बहुत मुश्किल था, लेकिन जब कैबिनेट ने अनुच्छेद 370 को हटाने का फैसला किया तो सब दंग रह गए। कहां 35ए हटना मुश्किल था कहां 370 ही समाप्त हो गई।

उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 हटाया जाना पूरी तरह भारत का आंतरिक मामला है इस पर दुनिया का कोई भी देश टिप्पणी नहीं कर सकता है। भारती ने बताया कि जब हम (भाजपा) 370 हटाने की बात करते थे तब अंजाम भुगतने की धमकी दी जाती थी। आज कश्मीर में न एक गोली चली, न खून बहा और शांतिपूर्ण ढंग से 370 हट गई। उन्होंने कहा कि 370 हटाना आसान काम नहीं था, लेकिन यह 56 इंच नहीं 5600 इंच का सीना था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने इसको समाप्त करने का फैसला लिया। इससे बेहतर तर्पण डॉ. एसपी मुखर्जी की आत्मा के लिए नहीं हो सकता था। उन्होंने बताया कि 370 लागू होने पर केंद्र की ओर से दी जाने वाली रकम का सिर्फ एक तबका ही फायदा लेता था। गरीब, पिछड़े तबके को लाभ नहीं मिलता था, वहां के अधिकारी इस रकम का कोई हिसाब नहीं देते थे। बतौर केंद्रीय मंत्री उन्होंने भी कश्मीर में बाढ़ के लिए रकम दी जिसे एक तबका डकार गया।

बाद में हिसाब नहीं दिया। फिर एक दिन वे अफसर दिल्ली आए तो जबरन हिसाब लिया। अब वहां पर केंद्र से दी गई आर्थिक मदद कश्मीर के प्रत्येक नागरिक को मिलेगी। खूबसूरत डल झील है, लेकिन पर्यटक नहीं होने से शिकारा चालक रोजी रोटी को मोहताज हैं। आतंकवाद खत्म होने से पर्यटक बढ़ेंगे। रोजगार बढ़ेगा, आय होगी युवाओं का विकास होगा। उन्होंने कहा कि 370, 35 ए के प्रति जनजागरण करना बहुत जरूरी है। जनता को इसके हटने से कश्मीर को होने वाले, देश के अन्य राज्यों में रहने वाले लोगों को मिलने वाले फायदे के बारे में बताना जरूरी है। इस दौरान विधायक हरबंस कपूर, गणेश जोशी, विनोद चमोली, खजानदास, महापौर सुनील उनियाल गामा, राजू कंडारी, राजकुमारी गिरी, विनय गोयल, पुनीत मित्तल आदि मौजूद थे।

...तब मुखर्जी ने अटल को कश्मीर से वापस भेज दिया

पूर्व केंद्रीय उमा भारती ने कार्यकर्ताओं को अनुशासन की सीख बताते हुए कहा कि जब कश्मीर का अलग निशान, विधान, प्रधान था, यहां तक कि वहां जाने के लिए भी परमिट की जरूरत होती थी तब डॉ. एसपी मुखर्जी ने वहां जाने का फैसला किया। पूर्व पीएम स्व. अटल बिहारी वाजपेयी उनके साथ थे। जब कश्मीर जाने वाली गाड़ी पर मुखर्जी बैठे तो उन्होंने अटल से वापस जाने के लिए कहा। अटल चुपचाप चले आए। वहीं आज का कार्यकर्ता जिद करता हम भी चलेंगे, नेताओं के बगल में फोटो खिंचाता है। घर पर चाय के लिए बुलाकर फोटो ही खींचता रहता है। उन्होंने कहा कि यह अनुशासनहीनता है यह भाजपा में नहीं होनी चाहिए। वैसे भी अब नेताओं के बगल में फोटो खिंचवा कर नहीं बल्कि उसको टिकट मिलेगा जिसका फोटो जनता के दिल में होगा।

तिरंगा यात्रा का नेतृत्व कर रहे थे मोदी

उमा भारती ने बताया कि 1952 में आतंकियों ने चेतावनी दी कि कोई भी भारतीय तिरंगा लहराकर दिखाए तब केंद्र में हमारी सरकार नहीं थी। पार्टी ने सोचा कि केंद्र जवाब देगी, लेकिन कोई जवाब नहीं आया। तब मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि भाजपा लाल चौक पर तिरंगा लहराएगी। इसके लिए तिरंगा यात्रा की गई। इस यात्रा के प्रधान नरेंद्र मोदी थे। यात्रा में पांच लाख कार्यकर्ता जम्मू में जमा हो गए। तब केंद्र ने हमें तिरंगा फहराने की अनुमति दी। भाजपा की 40 सदस्यीय टीम को आर्मी बेस कैंप रखा। कैंप से कुछ दूरी पर आतंकियों ने हमला कर दिया। पूरी रात गोलियां तड़तड़ाती रहीं। 26 जनवरी 1952 को 40 सदस्यीय टीम ने तिरंगा फहराया। इसमें मोदी शामिल थे। यह रोमांचक घटना जीवन भर याद रहेगी। 

चिन्मयानंद पर साधी चुप्पी

पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने स्वामी चिन्मयानंद पर यौन उत्पीड़न के सवाल पर चुप्पी साध ली। उन्होंने कहा कि कोर्ट के फैसले के बाद ही कहा जाएगा। वहीं मोटर व्हीकल एक्ट संशोधन पर परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को समर्थन देते हुए कहा कि इससे दिल्ली में बेहतर परिणाम आए हैं। ट्रैफिक पर लगाम कसेगी। राम मंदिर पर उमा भारती ने कहा कि हाई कोर्ट की तीन सदस्यीय बेंच ने माना था कि रामलला की जन्म भूमि है, सवाल यह है कि भूमि पर मालिकाना हक किसको है। इसका फैसला होते ही भव्य राम मंदिर का निर्माण होगा। वहीं उन्होंने आर्थिक मंदी को सिरे से खारिज कर दिया। कहा कि देश में रोजगार मिल रहे है।

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मोदी के नेतृत्व में आत्मसम्मान से जीता है नागरिक

पीएम मोदी ने भारत को दुनिया में मजबूत राष्ट्र बनाया है। देशवासियों को रोटी, कपड़ा, मकान के साथ आत्मसम्मान के साथ जीना चाहता है। पीएम मोदी ने लोगों को यह आत्मसम्मान दिया है।

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