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भाजपा ने अपने विधायकों को पढ़ाया अनुशासन का पाठ

विधायकों के विवादित बोल और पार्टी की गाइडलाइन से बाहर जाने से असहज भाजपा नेतृत्व ने सोमवार को हुई बैठक में अपने विधायकों को नसीहत देते हुए अनुशासन का पाठ पढ़ाया।

By Sunil NegiEdited By: Published: Tue, 15 Oct 2019 09:34 AM (IST)Updated: Tue, 15 Oct 2019 09:34 AM (IST)
भाजपा ने अपने विधायकों को पढ़ाया अनुशासन का पाठ
भाजपा ने अपने विधायकों को पढ़ाया अनुशासन का पाठ

देहरादून, राज्य ब्यूरो। विधायकों के विवादित बोल और पार्टी की गाइडलाइन से बाहर जाने से असहज भाजपा नेतृत्व ने सोमवार को हुई बैठक में अपने विधायकों को नसीहत देते हुए अनुशासन का पाठ पढ़ाया। हाल में कुछ विधायकों की बयानबाजी को आपत्तिजनक करार देते हुए कहा गया कि विधायकों को वाणी पर संयम रखने के साथ ही मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए। पार्टी के राष्ट्रीय एवं प्रांतीय नेताओं ने दो टूक कहा कि अनुशासनहीनता कतई बर्दाश्त नहीं होगी, फिर चाहे कोई किसी भी पद पर क्यों न हो। 

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भाजपा विधायकों के एक के बाद एक सामने आ रहे बिगडै़ल बोल और इनसे संबंधित ऑडियो-वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने से पार्टी की मुश्किलें बढ़ी हैं। साथ ही पार्टी की छवि पर भी असर पड़ रहा है। इस सबने पार्टी नेतृत्व को असहज किया हुआ है। हाल में दो विधायकों उमेश शर्मा काऊ व राजकुमार ठुकराल के ऑडियो व वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुए। इनमें दोनों को नोटिस जारी किए और वे अपना जवाब दे चुके हैं। इन पर फैसला होना बाकी है, लेकिन विधायकों के विवादित बोलों ने विपक्ष को भी मुद्दा दे दिया। 

पार्टी के सांसदों, विधायकों, प्रांतीय पदाधिकारियों, दायित्वधारियों व जिला स्तर पर गठित समितियों के अध्यक्षों की सोमवार को प्रदेश कार्यालय में बुलाई गई बैठक में भी यह मसला उठा। बैठक में राष्ट्रीय सह महामंत्री संगठन शिव प्रकाश ने इशारों ही इशारों में विधायकों को अनुशासन का पाठ पढ़ाया। उन्होंने कहा कि हमें बहुत से कार्य एक साथ करने हैं। ये तभी सफलता के साथ पूरे हो सकते हैं, जब हम मिलकर इन्हें करें। 

राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं प्रदेश प्रभारी श्याम जाजू ने कहा कि पार्टी का विस्तार होने के साथ ही कार्यों का विस्तार भी बढ़ गया है। आज हम संगठनात्मक, सामाजिक व राजनीतिक क्षेत्रों में कार्य कर रहे हैं, लेकिन हमें काम व कार्यक्रम में अंतर समझना होगा। उन्होंने अनुशासन पर जोर देते हुए कहा कि हम पार्टी की विचारधारा से अलग होकर नहीं चल सकते। सभी को पार्टी की रीति-नीति के अनुरूप कार्य करना होगा, जिससे ऐसा कोई अवसर न आए, जिसमें पार्टी को कार्रवाई के लिए विवश होना पड़े। 

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हाल में पार्टी के कुछ लोगों द्वारा की गई अनावश्यक बयानबाजी को आपत्तिजनक करार दिया। उन्होंने कहा कि हमें मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने हमें सबका साथ-सबका विकास व सबका विश्वास का जो मार्ग दिखाया है, वही हमारा रास्ता है। उससे भटककना अहितकर है। यदि कोई इस बात को स्वीकार कर नहीं चलेगा तो संगठन को उसके बारे में निर्णय लेना पड़ सकता है।

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प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद अजय भट्ट ने कहा कि विधायकों को वाणी पर संयम रखना चाहिए। न सिर्फ विधायक बल्कि हरेक कार्यकर्ता को इसका ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि पार्टी में अनुशासन सबसे महत्वपूर्ण है और अनुशासन भंग किया जाना किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं होगा। हमें सदैव पार्टी की रीति-नीति को ध्यान में रखते हुए संयम से कार्य करना चाहिए।

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