BJP MLA Case: विधायक महेश नेगी DNA टेस्ट के लिए नहीं हुए सीजेएम कोर्ट में पेश, अगली सुनवाई 18 जनवरी को
BJP MLA Case महिला से दुष्कर्म और उनकी बेटी का जैविक पिता होने के मामले में फंसे द्वाराहाट के विधायक महेश नेगी को आज डीएनए टेस्ट के लिए सीजेएम कोर्ट देहरादून में उपस्थित होना था लेकिन वह उपस्थित नहीं हो पाए हैं।
जागरण संवाददाता, देहरादून। BJP MLA Case दुष्कर्म के आरोप में घिरे भाजपा विधायक महेश नेगी डीएनए टेस्ट को सैंपल देने के लिए दूसरी बार कोर्ट में हाजिर नहीं हुए। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) कोर्ट में अब मामले की अगली सुनवाई 18 जनवरी को होगी। द्वाराहाट की एक महिला ने विधायक महेश नेगी पर दुष्कर्म व उसकी बेटी का जैविक पिता होने का आरोप लगाया है। इस मामले में सीजेएम कोर्ट ने 18 दिसंबर को डीएनए सैंपल देने के लिए विधायक को 24 दिसंबर को कोर्ट में पेश होने के आदेश जारी किए थे। 24 दिसंबर को विधायक ने स्वास्थ्य खराब होने का हवाला देते हुए मेडिकल ग्राउंड पर 15 दिन का समय मांगा था। कोर्ट की ओर से 11 जनवरी को अदालत में पेश होने के आदेश जारी किए थे, लेकिन विधायक सुबह ही हाईकोर्ट पहुंच गए।
महिला के अधिवक्ता एसपी सिंह ने बताया कि विधायक को डीएनए टेस्ट को सैंपल देने के लिए सीजेएम कोर्ट में हाजिर होना था, लेकिन वह 12 बजे तक उपस्थित नहीं हुए। इसी बीच पता लगा कि विधायक की ओर से डीएनए टेस्ट के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल करते हुए स्टे मांगी है। उन्होंने बताया कि विधायक की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने संबंधी कोई नोटिस नहीं दिया गया, इसकी जानकारी अदालत को दे दी है।
वहीं बचाव पक्ष के अधिवक्ता राजेंद्र भट्ट ने बताया कि इस मामले में हाईकोर्ट ने विधायक को 13 जनवरी तक स्टे दे दिया है। 13 जनवरी को हाईकोर्ट में दोबारा सुनवाई होगी। वहीं सीजेएम कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल कर पेश होने के लिए समय मांगा था। सीजेएम कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 18 जनवरी को होगी। यदि हाईकोर्ट में 13 जनवरी को सुनवाई के बाद आगे स्टे मिलती है तो इसका आदेश सीजेएम कोर्ट में दाखिल किया जाएगा। स्टे न मिलने की सूरत में विधायक 18 जनवरी को सैंपल देने के लिए कोर्ट में पेश होंगे।
अल्मोड़ा जिले की द्वाराहाट सीट से विधायक महेश नेगी पर वहीं की एक महिला ने बीते अगस्त में दुष्कर्म का आरोप लगाया था। महिला ने दावा किया था कि विधायक ही उसकी पुत्री के जैविक पिता हैं। इसकी पुष्टि के लिए महिला अदालत से विधायक का डीएनए टेस्ट कराने की मांग कर रही थी। पूर्व में विधायक ने भी डीएनए टेस्ट के लिए तैयार होने का दावा किया था। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने विधायक का डीएनए टेस्ट कराने की अनुमति दी थी। डीएनए टेस्ट के लिए विधायक और उन पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली महिला की पुत्री के खून के नमूने लिए जाने हैं। प्रकरण की जांच कर रही श्रीनगर महिला थानाध्यक्ष दीक्षा सैनी व मेडिकल टीम भी अदालत पहुंची थी।
यह भी पढ़ें- ऋषिकेश से लापता किशोरी बरामद, आरोपित गिरफ्तार