क्षेत्र और जिला पंचायत सदस्य के नतीजों पर टिकी भाजपा की निगाहें
2014 से राज्य में हो रहे चुनावों में विजयी रथ पर सवार भाजपा की नजरें अब त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के नतीजों पर टिक गई हैं। खासकर क्षेत्र व जिला पंचायत सदस्य पदों पर उसकी निगाह है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। 2014 से राज्य में हो रहे चुनावों में विजयी रथ पर सवार भाजपा की नजरें अब त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के नतीजों पर टिक गई हैं। खासकर क्षेत्र व जिला पंचायत सदस्य पदों पर उसकी निगाह है। जिला पंचायत सदस्य पदों पर भाजपा ने सभी 347 सीटों पर अपने समर्थित प्रत्याशी घोषित किए थे। अब क्षेत्र व जिला पंचायत सदस्य पदों के नतीजे साफ होने के बाद पार्टी क्षेत्र पंचायत प्रमुखों और जिला पंचायत अध्यक्ष पदों पर अपने प्रत्याशियों को लेकर मंथन में जुट गई है। भाजपा का दावा है कि ग्राम स्तर से ब्लाक व जिला पंचायत स्तर पर ऐतिहासिक रूप में भाजपा के बोर्ड गठित होने जा रहे हैं।
प्रदेश में 2014 के लोकसभा चुनावों से भाजपा विजय रथ पर सवार है। 2014 के लोस चुनाव के बाद पार्टी ने विधानसभा चुनाव, नगर निकाय चुनाव, सहकारिता चुनाव और फिर 2019 के लोकसभा चुनाव में ऐतिहासिक सफलता हासिल की।
इसे देखते हुए पार्टी ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भी भाजपा का परचम फहराने के लिए जमीनी स्तर पर ठोस रणनीति बनाई थी। इसके तहत हर बूथ पर भाजपा ने अपनी टीमें गठित की गई थी।
हालांकि, पंचायत चुनाव पार्टी सिंबल पर नहीं होते, लेकिन जिला पंचायत सदस्य पदों पर पार्टी ने समर्थित प्रत्याशियों का एलान किया था। साथ ही क्षेत्र पंचायत सदस्य पदों के लिए भीतरखाने ठोस रणनीति बनाई गई थी। इसके पीछे पार्टी की मंशा सभी 89 क्षेत्र पंचायतों और 13 जिला पंचायतों में छाने की है।
ऐसे में अब पार्टी की निगाहें पंचायत चुनाव के नतीजों पर टिक गई हैं। हालांकि, अभी क्षेत्र व जिला पंचायत सदस्य पदों के सभी नतीजे घोषित नहीं हुए हैं। इसके बावजूद भाजपा का दावा है कि पंचायत चुनाव में उसे ऐतिहासिक सफलता मिली है।
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प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष अजय भट्ट ने कहा कि शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न होने से साफ हो गया है कि देश व प्रदेश में लोकतंत्र की जड़ें बहुत मजबूत हैं। उन्होंने दावा किया कि पंचायत चुनाव में भी प्रदेश की जनता भाजपा के साथ मजबूती से खड़ी है। ग्राम पंचायत से लेकर क्षेत्र व जिला पंचायत स्तर पर ऐतिहासिक रूप में भाजपा के ही बोर्ड गठित होने जा रहे हैं।
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