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उत्तराखंड में 10 घंटे चढ़ा रहा सियासी पारा, नेतृत्व परिवर्तन को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने किया खारिज

प्रदेश कोर ग्रुप के सदस्यों के साथ बैठक के लिए अचानक देहरादून पहुंचने से उत्तराखंड का राजनीतिक तापमान बढ़ गया। कुछ मंत्रियों-विधायकों के असंतोष नेतृत्व परिवर्तन और मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलों के बीच लगभग 10 घंटे तक राजधानी देहरादून में जोरदार हलचल रही।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Sat, 06 Mar 2021 12:00 PM (IST)Updated: Sun, 07 Mar 2021 07:20 AM (IST)
देहरादून स्थित बीजापुर गेस्ट हाउस में भाजपा कोर ग्रुप की बैठक शुरू हो गई।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में विधानसभा के बजट सत्र के दौरान शनिवार दोपहर भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह एवं प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम के प्रदेश कोर ग्रुप के सदस्यों के साथ बैठक के लिए अचानक देहरादून पहुंचने से उत्तराखंड का राजनीतिक तापमान बढ़ गया। कुछ मंत्रियों-विधायकों के असंतोष, नेतृत्व परिवर्तन और मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलों के बीच लगभग 10 घंटे तक राजधानी देहरादून में जोरदार हलचल रही। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत आनन-फानन गैरसैंण से देहरादून पहुंचे। उधर, कोर ग्रुप के सदस्य सांसद विजय बहुगुणा व अजय भट्ट भी बैठक के लिए देहरादून आए। हालांकि देर शाम भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने नेतृत्व में बदलाव की चर्चा को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि कोर ग्रुप ने केवल राज्य सरकार के चार साल पूर्ण होने के अवसर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम पर ही चर्चा की।

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गैरसैंण में गत एक मार्च को विधानसभा का बजट सत्र शुरू हुआ। शुक्रवार को कार्य मंत्रणा समिति ने अवकाश के बावजूद शनिवार व रविवार को भी सदन की कार्यवाही चलाने का निर्णय लिया। शनिवार सुबह गैरसैंण में तब अचानक गहमागहमी बढ़ गई, जब यह जानकारी मिली कि प्रदेश भाजपा कोर ग्रुप की बैठक शनिवार शाम चार बजे अचानक देहरादून में बुलाई गई है और इसमें रमन सिंह पार्टी पर्यवेक्षक के रूप में मौजूद रहेंगे। सत्र के दौरान इस तरह बगैर पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के कोर ग्रुप की बैठक बुलाने और केंद्रीय पर्यवेक्षक की इसमें मौजूदगी की सूचना ने राजनीतिक गलियारों में कई तरह की अटकलों को जन्म दे दिया।

कहा गया कि पिछले कुछ महीनों के दौरान कुछ मंत्री-विधायकों ने सरकार से नाराजगी की बात केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष रखी है। फिर इसी बात को सरकार में नेतृत्व परिवर्तन से जोड़ दिया गया कि रमन सिंह की मौजूदगी में भाजपा इस तरह का कोई फैसला कर सकती है। इसके अलावा लंबे समय से प्रतीक्षित मंत्रिमंडल विस्तार, मुख्यमंत्री की हालिया घोषणाओं और आगामी 18 मार्च को त्रिवेंद्र सरकार के चार साल पूर्ण होने के कार्यक्रम की तैयारी की समीक्षा भी अटकलों में शामिल हो गई। रमन सिंह शनिवार दोपहर जौलीग्रांट एयरपोर्ट से देहरादून में बीजापुर स्थित राज्य अतिथि गृह पहुंचे। उनके साथ प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम भी थे। उनका स्वागत भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने किया।

कुछ देर बाद प्रदेश भाजपा कोर ग्रुप के सदस्यों के आने का सिलसिला शुरू हुआ। सबसे पहले राज्यसभा सदस्य नरेश बंसल, नैनीताल से सांसद अजय भट्ट व टिहरी सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह पहुंचे। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत गैरसैंण से लौटकर लगभग चार बजे बैठक स्थल पर पहुंचे। कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक व राज्य मंत्री धन सिंह रावत के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा, प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय कुमार, महामंत्री कुलदीप कुमार ने बैठक में हिस्सा लिया। सूत्रों के मुताबिक पर्यवेक्षक रमन सिंह ने कोर ग्रुप के सभी सदस्यों से एक-एक कर बात की। कोर ग्रुप के एक अन्य सदस्य हरिद्वार के सांसद व केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने रमन सिंह से देर शाम जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर मुलाकात की।

शाम लगभग छह बजे रमन सिंह राज्य अतिथि गृह से मुख्यमंत्री आवास पहुंचे। सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री आवास पर 40 से ज्यादा भाजपा विधायक मौजूद थे। सूत्रों का कहना है कि इन विधायकों ने त्रिवेंद्र सरकार के कार्यकाल को उपलब्धिपूर्ण करार देते हुए नेतृत्व परिवर्तन जैसे किसी भी कदम को आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर गैरजरूरी बताया। रमन सिंह मुख्यमंत्री आवास के बाद तिलक रोड स्थित संघ कार्यालय गए और फिर जौलीग्रांट एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गए। दिलचस्प बात यह रही कि लगभग 10 घंटे तक इस राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर नेतृत्व पविरर्तन की जो बड़ी अटकल चल रही थी, उसे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने पूरी तरह नकार दिया।

 भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने कहा कि  'भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमन सिंह एवं प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम की मौजूदगी में कोर ग्रुप की बैठक में 18 मार्च को प्रदेश सरकार के चार साल पूरे होने के मौके पर होने वाले कार्यक्रमों पर विस्तार से चर्चा हुई। सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में ये कार्यक्रम होंगे। बैठक में सरकार की उपलब्धियों को जनता के बीच ले जाने पर भी बात हुई। प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन जैसी कोई बात नहीं है। यह सिर्फ भ्रम है। इसे फैलाया नहीं जाना चाहिए। विधायकों में किसी तरह का मनमुटाव नहीं है।'

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