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देहरादून से बाहर पढ़ाई करेगी सामूहिक दुष्कर्म पीडि़ता

जीआरडी व‌र्ल्ड स्कूल में सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता अब दून के बाहर पढ़ाई करेगी।

By JagranEdited By: Published: Fri, 19 Oct 2018 03:01 AM (IST)Updated: Fri, 19 Oct 2018 03:01 AM (IST)
देहरादून से बाहर पढ़ाई करेगी सामूहिक दुष्कर्म पीडि़ता
देहरादून से बाहर पढ़ाई करेगी सामूहिक दुष्कर्म पीडि़ता

जागरण संवाददाता, देहरादून:

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जीआरडी व‌र्ल्ड स्कूल में सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता को आखिरकार दून छोड़ने पर विवश होना पड़ गया। न चाहते हुए भी उसे दून से बाहर के एक स्कूल में दाखिला लेना पड़ा। दरअसल, जीआरडी व‌र्ल्ड स्कूल की मान्यता रद कर दिए जाने के बाद पीड़िता के माता-पिता दून के एक नामी स्कूल में बेटी के दाखिले के लिए पहुंचे तो स्कूल प्रबंधन ने दाखिला देने से इंकार कर दिया। आरोप है कि प्रबंधन ने पीड़िता के दाखिले से स्कूल का माहौल खराब होने की बात कही थी।

हाईस्कूल की एक नाबालिग छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म का मामला प्रकाश में आने के बाद भाऊवाला स्थित जीआरडी व‌र्ल्ड स्कूल की सीबीएसई ने मान्यता रद कर दी थी। यहां पढ़ रहे कई बच्चों को प्रबंधन ने अपनी अन्य शाखाओं में भेज दिया तो कई ने दूसरे स्कूलों में दाखिला ले लिया। मगर दुष्कर्म पीड़िता और उसकी छोटी बहन अपने माता-पिता के साथ नए स्कूल में दाखिले के लिए भटकती रहीं। अधिवक्ता अरुणा नेगी चौहान ने बताया कि पीड़िता दून में ही रह कर पढ़ाई करनी चाहती थी। उसके माता-पिता का भी यही सोचना था। मगर दून के एक नामी स्कूल ने उसे अपने यहां सिर्फ इसलिए दाखिला देने से इंकार कर दिया कि वह दुष्कर्म पीड़िता है और स्कूल का माहौल खराब होगा। यह सुन परिजन भौंचक रह गए थे। परिजन चाहते थे कि मध्य सत्र में दून से बाहर ले जाने पर लोग कई तरह के सवाल खड़े करते, जिनका जवाब देना भी मुश्किल होता। इसलिए वह चाहते थे कि पीड़िता इस साल की पढ़ाई दून में ही करे, अगले साल उसे कहीं और लेकर चले जाते। अधिवक्ता ने बताया कि स्कूल की मनमानी की शिकायत सीएम, सीबीएसई और एसएसपी तक से ई-मेल के जरिये की गई है। यह है मामला

भाऊवाला स्थित जीआरडी व‌र्ल्ड स्कूल में हाईस्कूल की नाबालिग छात्रा से इसी साल 14 अगस्त को हाईस्कूल और इंटर के चार छात्रों ने दुष्कर्म किया था। छात्रा गर्भवती हो गई थी। जांच में सामने आया कि छात्रा ने स्कूल की आया मंजू को यह बात बताई। मंजू ने स्कूल की निदेशक लता गुप्ता, प्रधानाचार्य जितेंद्र शर्मा, प्रशासनिक अधिकारी दीपक मल्होत्रा व उसकी पत्नी तन्नू को बताई। इसके बाद छात्रा को देसी दवा पिला दी गई, जिससे उसका गर्भपात हो गया। इस बीच जब रक्तस्राव नहीं रुका तो छात्रा को एक नर्सिग होम में भी उपचार के लिए ले जाया गया। इस दौरान छात्रा को धमकी भी दी गई कि उसने यह बात किसी को बताई तो स्कूल से निकाल दिया जाएगा। लेकिन, छात्रा ने परिजनों को यह बात बता दी और प्रकरण में कार्रवाई हुई। मामले में स्कूल की प्रबंधक, प्रधानाचार्य, प्रशासनिक अधिकारी समेत कुल नौ लोगों पर पोक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ। इसमें तीन छात्र नाबालिग हैं और इस समय हरिद्वार बाल सुधार गृह में हैं। दाखिला न देने पर स्कूल को नोटिस

देहरादून : जीआरडी व‌र्ल्ड स्कूल में सामूहिक दुष्कर्म की शिकार पीड़ित छात्रा को दाखिला देने से एक स्कूल के इंकार करने को उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने बेहद गंभीरता से लिया है। आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने कहा कि पीड़ित छात्रा को दाखिला न देना मानवाधिकारों का हनन है। कहा कि आयोग की ओर से संबंधित स्कूल को नोटिस जारी किया गया है। इसमें प्रबंधन से एक सप्ताह के भीतर स्पष्टीकरण मांगा गया है। यदि प्रबंधन का जवाब मिलने के बाद आयोग आवश्यक कार्रवाई करेगा। छात्रा को स्कूल में दाखिला न देना अत्यंत गंभीर है। प्रकरण में अभी शिकायत नहीं मिली है। फिर भी यदि ऐसा है तो स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

-एसए मुरुगेशन, डीएम दुष्कर्म पीड़ित छात्रा को स्कूल में दाखिला न देने का मामला संज्ञान में नहीं है। शिकायत मिलती है तो आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।

-निवेदिता कुकरेती, एसएसपी


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