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शोध को साझा करने से मिलते हैं बेहतर परिणाम

महिला प्रौद्योगिकी संस्थान (डब्ल्यूआइटी) में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन विटकॉन-2019 का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Nov 2019 07:46 PM (IST)Updated: Fri, 22 Nov 2019 07:46 PM (IST)
शोध को साझा करने से मिलते हैं बेहतर परिणाम

जागरण संवाददाता, देहरादून : महिला प्रौद्योगिकी संस्थान (डब्ल्यूआइटी) में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन विटकॉन-2019 को संबोधित करते हुए मदन मोहन मालवीय तकनीकी विवि गोरखपुर के कुलपति प्रो. एसएन सिंह ने कहा कि इस प्रकार के सम्मेलन के माध्यम से शोधार्थी अपने शोध को अन्य के साथ साझा करते हैं, जिससे शोध की गुणवत्ता में सुधार होता है। सर्वोत्तम शोध से न केवल समाज, बल्कि राज्य व देश को दूरगामी लाभ मिलता है।

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महिला संस्थान में शुक्रवार से शुरू हुए दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन आइआइटी रुड़की के पूर्व निदेशक प्रो. प्रेम व्रत, मदन मोहन मालवीय तकनीकी विवि के कुलपति प्रो. एसएन सिंह, यूटीयू के कुलपति प्रो. एनएस चौधरी, महिला प्रौद्योगिकी संस्थान की निदेशक डॉ. अलकनंदा अशोक आदि ने किया। डॉ. अलकनंदा अशोक ने संस्थान में आयोजित द्वितीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के बारे में बताया कि 159 शोध पत्रों में से 50 फीसद शोध पत्र प्रस्तुत करने के लिए उच्च गुणवत्ता के पाए गए, जिसका प्रस्तुतिकरण शोध छात्रों ने तीन अलग-अलग सत्रों में किया। इसके अलावा, छात्राओं ने विशेषज्ञ से सीधे संवाद व चर्चा कर आधुनिक तकनीकी शिक्षा के बारे में सवाल किए। उत्तराखंड तकनीकी विवि के कुलपति प्रो. एनएस चौधरी ने कहा कि तकनीकी विकास के लिए सभी को आगे आना चाहिए। उन्होंने जय विज्ञान के नारे को विस्तृत रूप से शोधार्थियों को समझाया। सम्मेलन के दौरान विशिष्ट अतिथियों, शिक्षाविदों व निदेशक ने सम्मेलन पुस्तिका का विमोचन भी किया।

सकारात्मक तकनीक का विकास जरूरी

आइआइटी रुड़की के पूर्व निदेशक प्रो. प्रेम व्रत ने तकनीकी शिक्षा में हो रहे बदलावों के बारे में छात्राओं को बताया। कहा कि सकारात्मक तकनीक का विकास होना चाहिए, न कि नकारात्मक तकनीक का। क्योंकि आज का समाज तकनीक पर आधारित होता जा रहा है। जिससे समाज के बौद्धिक विकास पर प्रतिकूल असर पड़ता है। अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में देश-विदेश के कई शिक्षाविद व विशेषज्ञों ने प्रस्तुतिकरण दिया। आस्ट्रेलिया के मेलबर्न विवि के प्रो. अख्तर कलाम ने विद्युत संचार व वितरण के विभिन्न पहलुओं को समझाया। दुबई विवि के सहायक प्रो. विनोद कुमार शुक्ला ने आधुनिक तकनीक पर विचार रखे। विशेषज्ञ प्रो. राम कुमार ने पेटेंट कॉपीराइट ट्रेडमार्क पर व्याख्यान दिया। सोनिया गर्ग ने उद्योगों में महिलाओं की भूमिका व रसायन उद्योग के बारे में विस्तार से व्याख्यान प्रस्तुत किया। विशेषज्ञ सोनाली ने अभियांत्रिकी के प्रख्यात शोधपत्र, जोकि टेलर एंड फ्रांसिस में संयोजक हैं, ने शोध पत्र लिखने की तकनीक के बारे में व्याख्यान दिया। सम्मेलन में विभिन्न संस्थानों से लगभग तीन सौ से अधिक छात्र-छात्राएं, ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त अरब अमीरात, बाग्लादेश आदि देशों के शोधार्थी हिस्सा ले रहे हैं।


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