चारों धाम की परंपरा रहेगी बरकरार, युवाओं को रोजगार
बद्री केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष मोहन प्रसाद थपलियाल ने कहा कि राज्य में चार धामों के विकास में परंपराओं का भ्भी ध्यान रखा जाएगा।
जागरण संवाददाता, देहरादून: बद्री केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष मोहन प्रसाद थपलियाल ने कहा कि राज्य के चारों धामों की पौराणिक परंपराएं बरकरार रहेंगी। साथ ही स्थानीय युवाओं को रोजगार के अधिक से अधिक अवसर दिए जाएंगे। यह बात उन्होंने बुधवार को चारधाम विकास परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए कही।
जोगीवाला स्थित चारधाम विकास परिषद के कार्यालय में आयोजित बैठक उपाध्यक्ष आचार्य शिव प्रसाद ममगाईं की अध्यक्षता में हुई। इस दौरान वक्ताओं ने चार धाम के विकास को लेकर गहन चर्चा की। मुख्य अतिथि मोहन प्रसाद थपलियाल ने कहा कि परिषद का मानना है कि चारों धामों का विकास भी हो और स्थानीय लोगों के हक भी सुरक्षित रहें। साथ ही धार्मिक आस्थाओं को और बढ़ावा व यात्रियों को बेहतर सुविधा देने के लिए प्रयासों पर भी चर्चा की गई। बैठक के विशिष्ट अतिथि बद्री-केदार मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह ने कहा कि 1939 को बद्री-केदार मंदिर समिति का एक्ट बना था। जिसके अनुसार ही चारधाम विकास परिषद केंद्र व अन्य मदों से मिलने वाली धनराशि को चारों धामों के विकास कार्यो में व्यय करती है। चारधाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष आचार्य शिव प्रसाद ममगाईं ने कहा कि कुछ लोग चारधाम श्राइन बोर्ड गठन की बात कर रहे हैं, जबकि परिषद उत्तराखंड की लोक धार्मिक संस्थाओं के प्रबंधन व सतत विकास पर प्राथमिकता दे रही है। कहा कि चारधामों की हकूकदारी पहले से बनी हुई है, इन बुद्धिजीवियों को साथ लेते हुए चार धामों में विकास कार्य किए जा रहे हैं। बैठक में बधाणीताल पर्यटन समिति के अध्यक्ष केदार सिंह मेंगवाल, विशेष कार्याधिकारी राकेश सेमवाल, सुबोध नैथानी, मीडिया प्रभारी आशुतोष ममगाई, प्रदीप मेंगवाल, बृजेश बड़ोनी आदि उपस्थित रहे।