Ayodhya Ram Mandir : योगगुरु बाबा रामदेव, सतपाल महाराज और स्वामी चिदानंद अयोध्या रवाना
योगगुरु बाबा रामदेव आध्यात्मिक गुरु और राज्य के संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज और परमार्थ निकेतन ऋषिकेश के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती मंगलवार को अयोध्या के लिए रवाना हो गए।
देहरादून, जेएनएन। Ayodhya Ram Mandir उत्तराखंड के प्रमुख संत-महात्मा भी बुधवार को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए होने वाले भूमि पूजन और शिलान्यास कार्यक्रम के साक्षी बनेंगे। इसके निमित्त योगगुरु बाबा रामदेव, आध्यात्मिक गुरु और राज्य के संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज और परमार्थ निकेतन ऋषिकेश के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती मंगलवार को अयोध्या के लिए रवाना हो गए। इससे पहले हरिद्वार से श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य युगपुरुष स्वामी परमानंद गिरि, मंसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी अयोध्या के लिए रवाना हो चुके हैं।
राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन और शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल होने को उत्तराखंड के संत-महात्माओं का भी न्योता मिला है। देहरादून से मंगलवार को मानव उत्थान सेवा समिति के संस्थापक, अध्यात्मिक गुरु और राज्य के पर्यटन व संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज भी अयोध्या रवाना हुए। उन्होंने बताया कि राज्य की ओर से पहले ही गंगा और यमुना जल से भरे कलश अयोध्या पहुंचाए जा चुके हैं, ताकि इस पवित्र जल से भगवान राम का अभिषेक हो सके। महाराज ने मर्यादा पुरुषोत्तम राम से प्रार्थना की कि वह हमारे सैनिकों और कोरोना वरियर्स को सशक्त बनाएं, ताकि वे आंतरिक और बाह्य रूप से देश की रक्षा कर सकें।
महाराज ने कहा कि भगवान राम सारे अमंगलों को दूर करने वाले हैं। अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि में मंदिर निर्माण के लिए जिस मुहूर्त में भूमि पूजन का समय निर्धारित किया गया है, वह अभिजीत मुहूर्त है। भगवान राम का जन्म भी इसी मुहूर्त में हुआ था। इसलिए यह समय शुभ फलदायी और सर्वार्थ सिद्धि योग का है।
प्रणव पंड्या नहीं होंगे शामिल
पिछले दिनों गिर जाने के कारण डॉ. प्रणव पंड्या के दाहिने कंधे में चोट आ गई है, जिसकी वजह से वह इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाएंगे। उन्होंने अपने वीडियो संदेश के माध्यम से पूरे विश्व में पहले करीब सात करोड़ गायत्री साधकों के साथ अपने-अपने घरों में दीप उत्सव मनाने के साथ ही पूरे विश्व में स्थित शांतिकुंज गायत्री पीठ पर दीपक जलाने का संदेश दिया है।
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