102 पुलिस कर्मियों को डेंगू, बताए गए डेंगू से बचने के तरीके Dehradun News
102 पुलिस कर्मियों में डेंगू की पुष्टि को गंभीरता से लेते हुए पुलिस लाइन में जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें पुलिस कर्मियों को डेंगू से बचने के तरीके बताए गए।
देहरादून, जेएनएन। डेंगू से आम जनमानस दहशत में है तो पुलिस महकमा भी सहमा हुआ है। 102 पुलिस कर्मियों में डेंगू की पुष्टि होने को गंभीरता से लेते हुए रेसकोर्स स्थित पुलिस लाइन में जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें पुलिस कर्मियों को डेंगू से बचने के तरीके बताए गए।
इस दौरान बताया कि हर बुखार डेंगू नहीं होता है, लेकिन बुखार हो तो एलाइजा टेस्ट जरूर कराएं। महापौर सुनील उनियाल गामा ने बताया कि कार्यशाला का उद्देश्य लोगों को डेंगू के डर से निकालना और सतर्क करना है। स्थिति को देखते हुए शहरी क्षेत्र में सौ टीमों का गठन किया गया है, जिसमें नगर निगम, पुलिस, स्वास्थ्य, शिक्षा विभाग व अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है।
टीम प्रभावित इलाकों का दौरा कर संवेदनशील इलाकों में फागिंग कराने के साथ जहां डेंगू मच्छर के लार्वा मिल रहे हैं, वहां आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। डीएम सी रविशंकर ने कहा कि डेंगू साफ व ठहरे हुए पानी में पैदा होता है। ऐसे में अपने आसपास ऐसा न होने दें। उन्होंने कहा कि डेंगू के बढ़ते मामलों को देखते हुए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं, लेकिन जन जागरूकता के बिना इसका समूल नाश करना संभव नहीं है।
वहीं, एसएसपी अरुण मोहन जोशी ने पुलिस अधिकारियों, थाने और चौकी प्रभारियों से कहा कि वह अन्य विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर डेंगू मच्छर के खात्मे और बचाव को लेकर तेजी से प्रयास करें। उन्होंने थानों के आसपास पानी जमा न होने देने की बात कही। कार्यशाला में अन्य विभागों के अधिकारी भी मौजूद रहे।
टीम ने किया पुलिस लाइन परिसर का निरीक्षण
सौ से अधिक पुलिस कर्मियों के डेंगू बुखार से पीडि़त होने को देखते हुए स्वास्थ्य और नगर निगम की टीम ने पुलिस लाइन परिसर का निरीक्षण किया। इस दौरान जहां पानी एकत्रित हुआ मिला, वहां कीटनाशक डाला गया और आवासीय परिसर में फागिंग भी कराई गई।
इन उपायों से होगा बचाव
- डेंगू बुखार मादा एडीज इजिप्टाई मच्छर के काटने से होता है।
-डेंगू मच्छर दिन के समय काटता है, ऐसे कपड़े पहने जो पूरे शरीर को ढंक कर रखे।
- डेंगू के हर रोगी को प्टेटलेट्स की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
- डेंगू का बुखार बरसात के मौसम में जुलाई से अक्टूबर तक फैलता है।
- डेंगू मच्छर ठहरे हुए साफ पानी में पैदा होता है। ऐसे में घर में या आसपास पानी तो जमा न होने दें। कूलर, पानी की टंकी, फ्रीज की ट्रे, नारियल के खोल, डिस्पोजल बर्तन-गिलास, पीने के पानी का बर्तन भी डेंगू मच्छर के लार्वा पैदा होते हैं।
- घरों में चिडिय़ा या पालतू जानवरों के पानी पीने वाले बर्तनों में अनावश्यक पानी जमा न होने दें।
शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हुए एक्टिव
डेंगू के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य सरकार ने एक और कदम उठाया है। अब राज्य के 39 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी चिकित्सीय परामर्श व सैंपल कलेक्शन की सुविधा मिलेगी। यही नहीं, जनपद देहरादून में डेंगू के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए तीन अतिरिक्त एसीएमओ तैनात किए गए हैं।
प्रदेश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत शहरी क्षेत्रों में 39 पीएचसी पीपीपी मोड पर संचालित किए जा रहे हैं। यह स्वास्थ्य केंद्र देहरादून, हरिद्वार, हल्द्वानी, रामनगर, जसपुर व रुड़की आदि शहरों में संचालित किए जा रहे हैं। यह स्वास्थ्य केंद्र मलिन बस्तियों में रहने वाली आबादी को प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराते आए हैं।
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इस समय प्रदेशभर में डेंगू का मच्छर कहर बरपा रहा है। ऐसे में स्वास्थ्य सचिव नितेश झा ने इन्हें एक्टिव करने के निर्देश दिए हैं। बताया गया कि डेंगू के मरीजों की जांच के लिए यहां चिकित्सक तैनात रहेंगे। इसके अलावा संदिग्ध मरीज का सैंपल वहीं लिया जा सकेगा। इससे कुछेक अस्पतालों पर पड़ने वाला दबाव भी कम होगा।
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