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उत्तराखंड के सरकारी महकमों में ठेकों के भ्रष्टाचार पर वार

राज्य में सरकारी महकमों के लिए अपनी किसी भी जरूरत का सामान व सेवाएं खरीदने अथवा निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार और चहेतों को मनमाने ढंग से ठेके देना अब मुमकिन नहीं होगा।

By BhanuEdited By: Published: Thu, 13 Jul 2017 08:38 AM (IST)Updated: Thu, 13 Jul 2017 06:52 PM (IST)
उत्तराखंड के सरकारी महकमों में ठेकों के भ्रष्टाचार पर वार
उत्तराखंड के सरकारी महकमों में ठेकों के भ्रष्टाचार पर वार

देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: राज्य में सरकारी महकमों के लिए अपनी किसी भी जरूरत का सामान व सेवाएं खरीदने अथवा निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार और चहेतों को मनमाने ढंग से ठेके देना अब मुमकिन नहीं होगा। प्रदेश की भाजपा सरकार ने निविदा की पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी, भ्रष्टाचाररोधी और ऑनलाइन बनाने की दिशा में ठोस पहल की है। 

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मंत्रिमंडल ने उत्तराखंड प्रोक्योरमेंट नियमावली-2017 को मंजूरी दी। इसमें आपदा के दौरान 10 लाख तक जरूरी कार्य एकल निविदा से कराने का प्रावधान किया गया है। नई सरकार ने प्रोक्योरमेंट नियमावली में पिछली कांग्रेस सरकार की ओर से दी गई ढील खत्म कर दी। 

अब बड़े निर्माण कार्यों को छोटे-छोटे कार्यों में विभाजित नहीं किया जा सकेगा। ढाई लाख से अधिक सामान की खरीद और 25 लाख से अधिक के निर्माण कार्य ई-निविदा से कराए जाएंगे। केंद्र सरकार के निविदा संबंधी कई प्रावधान राज्य की नई नियमावली का हिस्सा होंगे। 

त्रिवेंद्र रावत मंत्रिमंडल की सचिवालय में तकरीबन दो घंटा चली बैठक में नई प्रोक्योरमेंट नियमावली समेत करीब आधा दर्जन फैसले लिए गए। सुशासन के अपने एजेंडे पर आगे बढ़ते हुए मंत्रिमंडल ने सरकारी महकमों में खरीद और निर्माण कार्यों के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने पर मुहर लगाई। 

सरकार के प्रवक्ता व कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि नई प्रोक्योरमेंट नियमावली के तहत अब 10 करोड़ और इससे ज्यादा के निर्माण कार्यों के लिए केंद्र सरकार के इंजीनियरिंग प्रोक्योरमेंट एंड कंस्ट्रक्शन (ईपीसी) रूल्स शामिल किए गए हैं। 

इससे कार्यदायी संस्था या कंपनी के पास प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य के साथ ही डिजाइनिंग, डीपीआर बनाने का काम भी होगा। यानी प्रोजेक्ट को पूरी तरह से जमीन पर उतारने का जिम्मा संबंधित संस्था का होगा। अब 60 लाख नहीं, बल्कि 25 लाख या इससे अधिक के कार्य ई-निविदा के दायरे में आ गए हैं। 

जीइएम पोर्टल से सामान खरीद

सरकारी महकमे अब केंद्र सरकार के गवर्नमेंट ई-मार्केट प्लेस (जीइएम) पोर्टल का इस्तेमाल कर तमाम सामग्री की खरीद कर सकेंगे। ये खरीद केंद्र सरकार के सामान्य वित्तीय नियमों के मुताबिक होगी। सीमित निविदा के लिए 60 लाख के दायरे को घटाकर 25 लाख तक किया गया है। 

हर विभाग को अपनी निविदा सरकार की वेबसाइट पब्लिक प्रोक्योरमेंट पोर्टल पर डालनी होगी। चहेते को फायदा पहुंचाने के लिए निविदा प्रक्रिया को छिपाया नहीं जा सकेगा। साथ ही इलेक्ट्रॉनिक रिवर्स नीलामी के जरिए निविदाओं को अधिक व्यावहारिक तरीके से अंजाम दिया जाएगा। नियमावली में निविदा को लेकर होने वाले विवादों के निपटारे को आरबिट्रेशन एक्ट लागू किया गया है। 

ये हैं निर्णय 

-पिछली सरकार का फैसला पलटा, बड़े कार्य छोटे-छोटे ठेकों में बांटने पर रोक। 

-नई ई-प्रोक्योरमेंट नियमावली को मंत्रिमंडल की मंजूरी, केंद्र के नियमों को किया शामिल। 

-आपदा के मौके पर 10 लाख तक कार्य सिंगल बिड या एकल निविदा से कराए जा सकेंगे, त्वरित राहत के लिए उठा कदम। 

-ढाई लाख से ज्यादा सामान की खरीद और 25 लाख से अधिक निर्माण कार्यों के लिए होगी ई-टेंडरिंग। 

-सभी सरकारी महकमों की निविदाएं सरकार के पब्लिक प्रोक्योरमेंट पोर्टल पर दिखेंगी, इलेक्ट्रॉनिक रिवर्स नीलामी की व्यवस्था लागू।  

-सरकारी महकमे कर सकेंगे ऑनलाइन खरीदारी, इसके लिए केंद्र की गवर्नमेंट ई-मार्केट प्लेस (जीइएम) पोर्टल में सरकारी महकमे होंगे पंजीकृत। 

-10 करोड़ से ज्यादा के प्रोजेक्ट पर इंजीनियङ्क्षरग प्रोक्योरमेंट एंड कंस्ट्रक्शन रूल्स (ईपीसी) होंगे लागू, कार्यदायी संस्थाओं के जिम्मे होगा निर्माण कार्य के साथ ही प्रोजेक्ट की डिजाइनिंग व डीपीआर समेत पूरा कार्य। 

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