गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने को लेकर विधानसभा कूच
गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने की मांग को लेकर गैरसैंण राज्य निर्माण अभियान ओर राज्य आंदोलनकारियों ने विधानसभा कूच किया।
जागरण संवाददाता, देहरादून :
गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने की मांग को लेकर गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान से जुड़े लोगों और राज्य आदोलनकारियों ने विधानसभा कूच किया। पुलिस ने राज्य आंदोलनकारियों को दया पैलेस चौक में लगी बैरिकेडिंग पर ही रोक दिया। इस दौरान राज्य आंदोलनकारियों ओर पुलिस के बीच नोकझोंक भी हुई।
बुधवार को गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान के बैनर राज्य आंदोलनकारियों और विभिन्न संगठनों ने नेहरू कॉलोनी फव्वारा चौक से विधानसभा कूच किया। राज्य आदोलनकारी दया पैलेस चौक पहुंचे तो पुलिस ने आगे जाने से रोक दिया। आंदोलनकारियों ने मौके पर मौजूद अपर सिटी मजिस्ट्रेट लक्ष्मण चौहान के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन प्रेषित किया।
इस दौरान अभियान के मुख्य संयोजक लक्ष्मी प्रसाद थपलियाल ने कहा कि जब राज्य बना था तो 13 हजार करोड़ का कर्जा था जो आज बढ़कर 50 हजार करोड़ पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि अब तक राज्य में भाजपा और कांग्रेस की सरकार रही हैं लेकिन किसी ने राज्य आंदोलनकारियों की भावना के अनुरूप निर्णय नहीं लिए। केवल राजनीति के लिए इस्तेमाल किया। अभी तक उत्तराखंड की स्थायी राजधानी गैरसैंण को घोषित नहीं किया गया है। इससे सरकार की भावना का पता चलता है। उन्होंने कहा जब तक यह मांग पूरी नहीं हो जाती तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। विधानसभा कूच करने वालों में अखिल गढ़वाल सभा के अध्यक्ष रोशन धस्माना, आरटीआइ लोक सेवा के अध्यक्ष मनोज ध्यानी, मदन सिंह भंडारी, यशवीर आर्य, उत्तराखंड महिला मंच की संयोजक कमला पंत, जिलाध्यक्ष निर्मला बिष्ट, चिह्नित राज्य आदोलनकारी समिति के अध्यक्ष जबर सिंह पावेल, उत्तराखंड आदोलनकारी मंच के जिलाध्यक्ष प्रदीप कुकरेती, केंद्रीय महासचिव रामलाल खंडूडी शामिल थे।