आशाओं ने की बकाया भुगतान की मांग
जागरण संवाददाता, देहरादून: आशा फैसिलिटेटर ने गत वर्ष जून से अगस्त तक के तीन माह के बकाया मान
जागरण संवाददाता, देहरादून: आशा फैसिलिटेटर ने गत वर्ष जून से अगस्त तक के तीन माह के बकाया मानदेय के भुगतान की मांग राज्य सरकार से की है। उन्होंने 20 के बजाय 30 दिन की मानदेय राशि देने की भी मांग की है। आशा फैसिलिटेटर वेलफेयर एसोसिएशन ने इस संबंध में एक ज्ञापन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को सौंपा।
आशा फैसिलिटेटर ने कहा कि उनका भुगतान अब मुख्य चिकित्साधिकारी के माध्यम से सीधे खाते में आएगा। यह राज्य सरकार का अच्छा कदम है। सरकार अब आशा फैसिलिटेटर की अन्य समस्याओं का भी समाधान करे। उन्हें गत वर्ष जून से अगस्त तक का मानदेय नहीं मिला है। आशा फैसिलिटेटर को 20 दिन का ही मानदेय दिया जाता है, जबकि काम वह 30 दिन करती हैं। जो धनराशि दी जाती है वह केवल यात्रा व्यय के रूप में क्षेत्र भ्रमण के लिए प्रदान की जाती है। जबकि वह माहभर गर्भवती महिलाओं की देखभाल, आशाओं का सहयोग, सरकार द्वारा संचालित कार्यक्रमों का क्रियान्वयन आदि करती हैं। उन्हें क्षेत्र की गर्भवतियों, बच्चों के सारे रिकॉर्ड भी तैयार करने होते हैं। ऐसे में काफी स्टेशनरी लगती है। इस दौरान रेनू नेगी, अमिता चौहान, कंचन, पूजा पुंडीर, संगीता भंडारी, अनीता पंवार, अनीता भंट्ट, उर्मिला पुंडीर आदि उपस्थित रहे।