एम्स के बाहर धरना दे रहे छह लोग गिरफ्तार
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश : अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में गंगा की रक्षा के लिए प्रभावी क
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश :
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में गंगा की रक्षा के लिए प्रभावी कानून बनाने की मांग को लेकर स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद की देह त्याग के बाद उनके अनुयायियों ने इस मामले में सीबीआइ जांच की मांग की थी। मंगलवार को एम्स से कुछ दूरी पर धरना दे रहे स्वामी सानंद के समर्थकों को पुलिस ने वहां से उठा दिया। पुलिस कार्रवाई का विरोध करने पर पुलिस ने छह लोगों को शांति भंग के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। इन लोगों ने कोतवाली में भी धरना दिया। सभी को न्यायालय में पेश किया गया। जहां से उन्हें जमानत पर छोड़ दिया गया।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में मातृसदन हरिद्वार में अनशनरत स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद को हरिद्वार प्रशासन ने एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया था। बीती 11 अक्टूबर को स्वामी सानंद ने देह त्याग दी थी। उनकी मृत्यु पर उनके समर्थकों ने एम्स में हंगामा भी किया था। समर्थक स्वामी सानंद का पार्थिव शरीर तीन दिन के लिए मातृसदन में रखे जाने और उनका पोस्टमार्टम एम्स के बजाए कहीं ओर से किए जाने के साथ इस मामले की सीबीआइ जांच की मांग कर रहे थे। किसान मंच के बैनर तले मंगलवार को एम्स से कुछ दूरी पर बाबा काली कमली संस्कृत महाविद्यालय के समीप उनके समर्थकों ने अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया। सूचना पाकर तहसीलदार और कोतवाली प्रभारी निरीक्षक मौके पर पहुंचे। प्रशासन ने इन लोगों को उक्त स्थान पर धरना न देने को कहा। मगर, यह लोग नहीं माने। उपस्थित लोगों की पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों से नोकझोंक भी हुई। बाद में पुलिस ने इन सभी को गिरफ्तार कर कोतवाली ले गई। इन लोगों ने कोतवाली के भीतर भी धरना शुरू कर दिया। कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक रितेश शाह ने बताया कि मौके से भोपाल ¨सह चौधरी, सुशील बहुगुणा, यशवंत ¨सह भंडारी, कुसुम जोशी, सुशीला भंडारी, शालिनी को शांति भंग करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। जिन्हें न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। जहां से उन्हें जमानत देकर छोड़ दिया गया।उन्होंने बताया कि राज्य में चुनाव आचार संहिता लागू हो चुकी है। जिस कारण किसी भी तरह के धरना प्रदर्शन पर रोक है।