स्वामी सानंद की मौत मामले एफआइआइ को अदालत में अर्जी
देह त्यागने वाले स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद की मौत मामले में हत्या का आरोप लगाते हुए जिम्मेदारों पर मुकदमे के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया गया है।
देहरादून, जेएनएन। गंगा रक्षा के लिए प्रभावी कानून बनाने और गंगा की अविरलता को लेकर 113 दिनों के तप (अनशन) के बाद देह त्यागने वाले स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद (प्रोफेसर गुरुदास अग्रवाल) की मौत मामले में हत्या का आरोप लगाते हुए जिम्मेदारों पर मुकदमे के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया गया है। सीजेएम कोर्ट ने मातृ सदन के प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए ऋषिकेश पुलिस और एम्स प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है।
बता दें कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर से सेवानिवृत प्रोफेसर गुरुदास अग्रवाल (स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद) मूलरूप से उत्तर प्रदेश के कांधला, मुजफ्फरनगर के रहने वाले थे।
22 जून, 2018 को उन्होंने गंगा की रक्षा के लिए सख्त कानून बनाने और जल विद्युत परियोजनाओं के विरोध समेत विभिन्न मांगों को लेकर मातृसदन हरिद्वार में अनशन शुरू किया था, इसे उन्होंने तप नाम दिया था। इस दौरान वह केवल नींबू, शहद, नमक और पानी ले रहे थे।
उन्हें मनाने के लिए केंद्रीय मंत्री उमा भारती दो बार खुद मातृसदन आई थीं। वहीं केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अपने पत्र के साथ संदेशवाहक भेजकर उनसे आंदोलन खत्म करने का अनुरोध किया, लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया और अनशन जारी रखा था। जहां बीते 12 अक्टूबर को उनका निधन हो गया था।
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