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मानदेय बढ़ोतरी न होने पर भोजनमाताओं में आक्रोश, शिक्षा विभाग का करेंगी घेराव

मानदेय बढ़ोतरी की मांग को लेकर लंबे समय से आंदोलनरत भोजनमाताएं अब शिक्षा विभाग का घेराव करेंगी। शिक्षा मंत्री के आश्वासन के बाद भी मांग पूरी न होने से भोजनमाताएं खफा हैं। इसके विरोध में उत्तराखंड भोजनमाता कामगार यूनियन 27 अक्टूबर को शिक्षा निदेशालय में धरना देंगी।

By Sumit KumarEdited By: Published: Sun, 24 Oct 2021 08:30 PM (IST)Updated: Sun, 24 Oct 2021 08:30 PM (IST)
मानदेय बढ़ोतरी की मांग को लेकर लंबे समय से आंदोलनरत भोजनमाताएं अब शिक्षा विभाग का घेराव करेंगी।

जागरण संवाददाता, देहरादून: मानदेय बढ़ोतरी की मांग को लेकर लंबे समय से आंदोलनरत भोजनमाताएं अब शिक्षा विभाग का घेराव करेंगी। शिक्षा मंत्री के आश्वासन के बाद भी मांग पूरी न होने से भोजनमाताएं खफा हैं। इसके विरोध में उत्तराखंड भोजनमाता कामगार यूनियन 27 अक्टूबर को शिक्षा निदेशालय में धरना देंगी। इस संबंध में उन्होंने शिक्षा विभाग को पत्र भेजा है।

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यूनियन की प्रदेश महामंत्री मोनिका ने बताया कि लंबे समय से भोजनमाताएं मात्र दो हजार रुपये महीने के मानदेय पर काम कर रही हैं, जबकि स्कूलों में भोजन पकाने के अलावा कई अन्य काम भी उनसे लिए जा रहे हैं। इससे उनका शोषण हो रहा है। शिक्षा मंत्री उनका मानदेय प्रतिमाह दो हजार से 5000 हजार करने की घोषणा भी कर चुके हैं, लेकिन अब तक उन्हें पुराना मानदेय ही मिल रहा है। 27 अक्टूबर को शिक्षा निदेशालय में इसके विरोध में दोपहर बाद धरना दिया जाएगा। इसके बाद भी मांग पूरी नहीं हुई तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।

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आंदोलन न करने का निर्णय लिया

उत्तराखंड अधिकारी, कर्मचारी, शिक्षक महासंघ को आगामी कैबिनेट में मांगों को लेकर उचित निर्णय लिए जाने की उम्मीद है। जिसके चलते उन्होंने आगामी 28 अक्टूबर तक किसी भी प्रकार का आंदोलन न करने का निर्णय लिया है।

महासंघ के कार्यकारी अध्यक्ष दीपक जोशी ने बताया कि प्रदेश के 50 मान्यता प्राप्त संघ-संगठनों के समर्थन से गठित महासंघ की 22 सूत्रीय मांगों पर बीते एक अक्टूबर को उच्च स्तरीय बैठक में सहमति बनी थी। जिस पर शासन स्तर पर कार्रवाई आपेक्षित है। महासंघ को मुख्यमंत्री की ओर से भी सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है। ऐसे में गोल्डन कार्ड की खामियों को दूर करने व शिथिलीकरण नियमावली-2010 को लेकर 28 अक्टूबर को होने वाली कैबिनेट बैठक में निर्णय होने की उम्मीद है। ऐसे में महासंघ की ओर से तब तक कोई भी आंदोलन न करने पर सहमति बनी है। कैबिनेट बैठक के बाद ही महासंघ आगामी कार्यक्रम की रूपरेखा तय करेगा।

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