कक्षाएं स्थगित करने के लिए एम्स के छात्रों का प्रदर्शन Dehradun News
एम्स ऋषिकेश में एमबीबीएस और नर्सिंग के छात्रों ने दूसरे दिन भी कक्षाएं स्थगित करने की मांग को लेकर निदेशक कार्यालय और आवास के समक्ष प्रदर्शन किया।
ऋषिकेश, जेएनएन। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में एमबीबीएस और नर्सिंग के छात्रों ने दूसरे दिन भी कक्षाएं स्थगित करने की मांग को लेकर निदेशक कार्यालय और आवास के समक्ष प्रदर्शन किया।
बुधवार की देर रात छात्रों ने परिसर में प्रदर्शन किया था। गुरुवार की शाम पांच बजे इन सैकड़ों छात्रों ने निदेशक कार्यालय के समक्ष नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। काफी देर यहां हंगामा करने के बाद कई छात्र प्रदर्शन के लिए निदेशक आवास की ओर चले गए। हंगामे की जानकारी पाकर आइडीपीएल चौकी से पुलिस एम्स गेट पर पहुंची। मगर, सुरक्षाकर्मियों ने एम्स प्रशासन की ओर से स्पष्ट कर दिया कि अभी पुलिस की आवश्यकता नहीं है। छात्रों का कहना है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन के बावजूद एम्स प्रशासन ने सभी छात्रों के लिए जीरो होलीडे का दोबारा नोटिस जारी किया है, जबकि हम कक्षाएं स्थगित करने की मांग कर रहे हैं। ऐसा सुरक्षा कारणों से किया जा रहा है। क्योंकि पढ़ाई करने वाले छात्र चिकित्सा सुविधा देने के लिए परिपक्व नहीं है। छात्रों को छात्रावास अथवा अपने घर में रहने की छूट प्रदान की जाए।
इस मामले में एम्स के डीन शैक्षणिक व प्रवक्ता डॉ. मनोज कुमार गुप्ता स्पष्ट कर चुके हैं कि एम्स परिसर में मौजूद छात्र चिकित्सक व अन्य स्टाफ सभी के लिए कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए सुरक्षा के सभी प्रबंध किए गए हैं। ऐसी परिस्थिति में एम्स के ऊपर बहुत बड़ी जिम्मेदारी आ गई है। हेल्थ इमरजेंसी के समय सभी को हालात से लडऩे के लिए एम्स प्रशासन का सहयोग करना चाहिए।
प्रोफेसर रविकांत (निदेशक अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश) का कहना है कि कोरोना वायरस को वैश्विक महामारी घोषित किया जा चुका है। इतना बड़ा संकट देश के सामने है। इस चुनौती से एम्स परिवार को मजबूती के साथ लडऩा है। छात्रों या अन्य एम्स परिवार के सदस्य सभी की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। ऐसी स्थिति में हम किसी को भी नहीं छोड़ सकते।
एम्स में मरीजों व तीमारदारों की थर्मल स्क्रीनिंग शुरू
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में अब ओपीडी में आने वाले मरीजों व तीमारदारों को अब थर्मल स्क्रीनिंग की प्रक्रिया से गुजरना होगा। इसके साथ ही एम्स के भीतर भीड़भाड़ को रोकने के लिए कुछ चिकित्सकों की ओपीडी भी एम्स के बाहर खुले में शिफ्ट कर दी गई है।
एम्स संस्थान में नई व्यवस्था के तहत 24 से अधिक चिकित्सकों की टीम ने अस्पताल की ओपीडी के मरीजों की ओपीडी ब्लॉक में जांच की। इस दौरान उनसे कोरोना वायरस के लक्षणों से संबंधित सवाल पूछे गए। एम्स के निदेशक प्रो. रविकांत ने बताया कि कोरोना वायरस कोविड-19 के विश्वव्यापी बढ़ते प्रकोप के चलते संस्थान में विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ की गाइड लाइन के तहत मरीजों की स्क्रीनिंग शुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा कोरोना आशंकित मरीजों के लिए पंजीकरण, ओपीडी और आइसोलेशन वार्ड की पृथक व्यवस्था की गई है। जिससे दूसरे मरीज इस बीमारी की चपेट में न आ सकें।
मुनादी कर लोगों को किया जागरूक
एम्स में आने वाले मरीजों व तीमारदारों को कोरोना वायरस से बचाव के लिए भी जागरूक किया जा रहा है। गुरुवार को एम्स के चिकित्साकर्मियों ने लाउडस्पीकर के जरिये एम्स परिसर में मौजूद लोगों को कोरोना वायरस कोविड-19 के लक्षण, बचाव व उपचार संबंधी जानकारियां भी दी। इस दौरान मरीजों को सुरक्षा के लिहाज से मास्क भी बांटे गए।
तैयार किया जा रहा है अस्थायी वार्ड
एम्स के ट्रामा सेंटर के बेसमेंट में अलग से अस्थायी वार्ड भी तैयार किया जा रहा है। एम्स में पहले ही कोरोना वायरस संक्रमितों के लिए आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। आने वाले समय में कोरोना संक्रमण की बढ़ती आशंका को देखते हुए एहतियात के तौर पर एम्स पहले से ही पूरी तैयारी कर रहा है। ताकि कोई संक्रमित मरीज इमरजेंसी में यहां आता है तो आइसोलेशन वार्ड में भेजने से पहले उसकी जांच इस वार्ड में की जा सके।
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