राज्य में भी लागू हो नींबू वर्गीय फलों की नेटवर्क परियोजना
कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि अन्य राज्यों की भांति प्रदेश में भी नींबू वर्गीय फलों के कलमी पौधरोपण के मद्देनजर नेटवर्क परियोजना लागू की जानी चाहिए।
राज्य ब्यूरो, देहरादून
कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि अन्य राज्यों की भांति प्रदेश में भी नींबू वर्गीय फलों के कलमी पौधरोपण के मद्देनजर नेटवर्क परियोजना लागू की जानी चाहिए। मंगलवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर की अध्यक्षता में हुई भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आइसीएआर) की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई बैठक में कृषि मंत्री उनियाल ने यह सुझाव रखा। उन्होंने कहा कि राज्य में नींबू वर्गीय फलों के उत्पादन की अपार संभावनाएं हैं। ऐसे में इसे बढ़ावा देने के लिए आइसीएआर और उद्यान विभाग को मिलकर कदम उठाने होंगे।
कृषि मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में कृषि व्यवस्था महिला आधारित है। ऐसे में आइसीएआर को वुमन फ्रेंडली खेती की ओर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने जैविक खेती के लिए वनों के वेस्ट मटीरियल से खाद बनाने, जैविक उत्पादन को बढ़ावा देने के मद्देनजर सब्जी व फल फसलों में कीट नियंत्रण को जैविक शोध कार्यक्रम चलाने, राज्य में होने वाले लाल चावल, राजमा, मंडुवा समेत अन्य फसलों की उन्नत किस्मों पर शोध किए जाने संबंधी सुझाव भी दिए।
कृषि मंत्री ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों के लिए अच्छी गुणवत्ता वाले बीजों के साथ ही कम पानी में अधिक उत्पादन देने वाले बीजों पर भी शोध आवश्यक है। राज्य के सीमांत क्षेत्रों के लिए वहां की जलवायु के अनुसार फसलों पर शोघ कराने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि राज्य में आलू उत्पादन की अपार संभावनाएं हैं। ऐसे में हिमाचल की तर्ज पर राज्य में भी केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान का क्षेत्रीय केंद्र स्थापित किया जाना चाहिए।