एम्स से निष्कासित कर्मचारियों की बहाली लटकी
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश से निष्कासित कर्मचारियों की बहाली का मामला बुधवार को डेडलाइन समाप्त होने के बावजूद नहीं सुलझ पाया है। एम्स प्रशासन ने 45 की बजाय 28 को लेने पर सहमति जताई है। शेष 17 लोगों के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट होने के कारण एम्स इन्हें लेने पर सहमत नहीं है।
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश :
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश से निष्कासित कर्मचारियों की बहाली का मामला बुधवार को डेडलाइन समाप्त होने के बावजूद नहीं सुलझ पाया है। एम्स प्रशासन ने 45 की बजाय 28 को लेने पर सहमति जताई है। शेष 17 लोगों के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट होने के कारण एम्स इन्हें लेने पर सहमत नहीं है। विधानसभा अध्यक्ष ने इस मामले में एम्स निदेशक से वार्ता की।
एम्स से निष्कासित कर्मचारियों ने अपनी बहाली की मांग को लेकर तीन माह तक धरना व अनशन चलाया। दो पूर्व महिला कर्मी पानी की टंकी पर चढ़ गई थी। जिसके बाद एम्स प्रशासन वार्ता पर सहमत हुआ। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद निष्कासित कर्मचारियों के प्रतिनिधिमंडल और एम्स प्रशासन के बीच वार्ता के बाद यह सहमति बनी थी कि एम्स प्रशासन 45 लोगों को वापस काम पर लेगा। विधानसभा अध्यक्ष ने आंदोलनकारियों को जूस पिलाकर अनशन समाप्त कराया था। एम्स प्रशासन ने 15 मई तक इन लोगों को नियुक्ति देने पर सहमति जताई थी। डेडलाइन बुधवार को समाप्त हो गई मगर सभी 45 लोगों को लेने पर एम्स प्रशासन ने असहमति जता दी। सभी निष्कासित कर्मचारी बुधवार को विधानसभा अध्यक्ष के शिविर कार्यालय में पहुंच गए और नियुक्ति की गुहार लगाई। बुधवार शाम को एम्स निदेशक के साथ विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल की वार्ता हुई। विधानसभा अध्यक्ष के विशेष कार्याधिकारी ताजेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि विधानसभा अध्यक्ष और निदेशक के मध्य वार्ता सकारात्मक रही है। उधर एम्स के उप निदेशक प्रशासन अंशुमान गुप्ता ने बताया कि एम्स प्रशासन ने पूर्व में ही अपना रुख स्पष्ट कर दिया था कि 45 लोगों में 17 लोगों के विरुद्ध एम्स प्रशासन ने कोतवाली में शिकायत पत्र दिया था। यह मामला अभी विचाराधीन है। शेष 28 लोगों को वापस लेने पर एम्स प्रशासन सहमत है।
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