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सिस्टम की लाचारी, लाखों जिंदगियों पर भारी

दून की निरंजनपुर मंडी अब संक्रमण का केंद्र बनने लगी है। एक सप्ताह के भीतर यहां कोरोना के सात मामले आ चुके हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 29 May 2020 03:01 AM (IST)Updated: Fri, 29 May 2020 07:46 AM (IST)
सिस्टम की लाचारी, लाखों जिंदगियों पर भारी
सिस्टम की लाचारी, लाखों जिंदगियों पर भारी

जागरण संवाददाता, देहरादून: दून की निरंजनपुर मंडी अब संक्रमण का केंद्र बनने लगी है। एक सप्ताह के भीतर यहां कोरोना के सात मामले आ चुके हैं। अभी यह भी नहीं कहा जा सकता कि यहां कितने और लोग संक्रमित हो चुके हैं। साथ ही अब तक पाए गए संक्रमित किन-किन लोगों के संपर्क में आ चुके हैं। डराने वाली बात यह कि अब मंडी के जरिये पूरे शहर में संक्रमण फैलने का खतरा बन गया है। मंडी में यह स्थिति बनने से सिस्टम की लाचारी भी सामने आई है। कहा जा सकता है कि शुरू से ही हाई रिस्क एरिया रही मंडी में एहतियात और रोकथाम को उठाए जा सकने वाले कदमों पर सिस्टम गंभीर नहीं रहा। जबकि, दैनिक जागरण शुरू से ही मंडी में कोरोना संक्रमण की संभावना को लेकर आगाह करता रहा। मंडी समिति ने यहां सुरक्षा के तमाम इंतजाम करने का दावे किए, लेकिन न तो स्वास्थ्य विभाग ने यहां समय पर रैंडम सैंपलिंग की आवश्यकता समझी और न ही प्रशासन ने ही कोई एहतियाती कदम उठाए।

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कोने-कोने से मंडी पहुंचते हैं लोग

निरंजनपुर मंडी में रोजाना करीब 15 हजार से 20 हजार कुंतल फल सब्जी का कारोबार होता है। यहां आढ़ती, वेंडर और श्रमिकों को मिलाकर करीब डेढ़ हजार लोगों की आवाजाही अब भी प्रतिदिन हो रही है। जिनमें शहर के कोने-कोने से आने वाले लोग शामिल हैं। इसके अलावा यहां दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र आदि राज्यों से रोजाना करीब डेढ़ सौ ट्रक व अन्य वाहन दून की मंडी पहुंचते हैं। कुल मिलाकर निरंजपुर मंडी में संक्रमित व्यक्ति के पहुंचने पर कोरोना संक्रमण के फैलने का खतरा सर्वाधिक है।

फुटकर मंडियों में भी संक्रमण का खतरा कम नहीं

शहर में अभी लालपुल, मोती बाजार, धर्मपुर, नेहरू कॉलोनी, छह नंबर पुलिया आदि क्षेत्रों में फुटकर की बड़ी मंडियां हैं। यहां भी कोरोना संक्रमण का खतरा बहुत ज्यादा है। फल-सब्जी खरीदने बड़ी संख्या में इन मंडियों में लोग पहुंचते हैं। अक्सर यहां शारीरिक दूरी के नियम का उल्लंघन पाया जाता है। साथ ही दिनभर में एक ठेली पर सब्जी खरीद रहे दर्जनों लोगों के सब्जी को छूने से भी संक्रमण की आशंका बनी रहती है। इसके अलावा सब्जी विक्रेता की बात करें तो वे मास्क और ग्लव्स तो पहन रहे हैं, लेकिन दिनभर एक जोड़ी ग्लव्स और उन्हें सेनिटाइज न करना भी खतरा बढ़ा रहा है। जबकि, फल-सब्जियों को ग्राहकों के छांटकर ले जाना भी संक्रमण की वजह बन सकता है।

फुटकर मंडी में व्यवस्थाएं दुरुस्त करने की दरकार

-शहर में विभिन्न क्षेत्रों में स्थित फुटकर मंडियों में ठेलियों के बीच निश्चित दूरी बनाई जाए और गोले बनाकर ग्राहकों से शारीरिक दूरी का पालन कराया जाए।

-विक्रेता फल और सब्जी खुद ही पैक कर ग्राहक को दें या एक किलो और दो किलो पैक करके रखें और ग्राहक को तौलकर दें।

-पैसे के लेनदेन को डिजिटल माध्यम अपनाएं। कैश के लेन-देन से संक्रमण का खतरा अधिक है, ऐसे में पेमेंट एप के माध्यम से लेने-देन संभव है।

जागरण के आगाह करने के बावजूद नहीं ली सुध

मंडी में संक्रमण के खतरे को देखते हुए दैनिक जागरण शुरू से ही यहां रैंडम सैंपलिंग की व्यवस्था पर जोर दे रहा है। जागरण में 14 मई के अंक में 'मंडी को छोड़ा भगवान भरोसे' शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था, जिसमें मंडी में रैंडम सैंपलिंग की आवश्यकता बताई गई थी। मंडी समिति की ओर से स्वास्थ्य महकमें को पत्र भी लिखा गया, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। अब सीएमओ कार्यालय से नोडल अधिकारी को मंडी में रैंडम सैंपलिंग को कहा गया है। मैने कुछ दिन पूर्व ही पदभार संभाला है। मंडी सचिव की ओर से रैंडम सैंपलिंग को भेजा गया पत्र मुझे हाल ही में मिला है। जिस पर नोडल अधिकारी आलोक जैन को मंडी में आढ़तियों और उनके कर्मचारियों की रैंडल सैंपलिंग के निर्देश दिए गए हैं।

डॉ. बीसी रमोला, मुख्य चिकित्सा अधिकारी


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