दून विवि की कुलपति सुरेखा डंगवाल बोलीं, मातृभाषा से ही होती है व्यक्ति की पहचान
मातृभाषा दिवस के उपलक्ष्य में दून विश्वविद्यालय में लोक सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल ने कहा कि मातृभाषा से ही व्यक्ति की पहचान होती है हमें अपने परिवार में अपनी मातृभाषा का उपयोग करना चाहिए।
जागरण संवाददाता, देहरादून। मातृभाषा दिवस के उपलक्ष्य में दून विश्वविद्यालय में लोक सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल ने कहा कि मातृभाषा से ही व्यक्ति की पहचान होती है, हमें अपने परिवार में अपनी मातृभाषा का उपयोग करना चाहिए।
उन्होंने भारतेंदु हरिश्चंद्र के मातृभाषा में योगदान को भी याद किया। कहा कि मातृभाषा को हमें आम बोलचाल का हिस्सा बनाना चाहिए। इस अवसर पर छात्रों ने लोकनृत्य, लोकगीत, स्वरचित कविताएं, भाषण आदि प्रस्तुत किए। कार्यक्रम में ऐश्वर्या थपलियाल की ओर से विशेष प्रस्तुति दी गई। शिक्षकों ने लोकगीत पर प्रस्तुति दी। इस मौके पर कुलसचिव डॉ. एमएस मंद्रवाल, छात्र अधिष्ठाता डॉ. एचसी पुरोहित के अलावा सुनीत नैथानी, आलोक मलासी, डॉ. नितिन कुमार, मधु बिष्ट, ओमकार, अस्मिता आदि मौजूद रहे।
जैन धर्मशाला में निश्शुल्क योग शिविर का उठाया लाभ
जनरल मर्चेंट्स एसोसिएशन और भारतीय योग संस्थान की ओर से जैन धर्मशाला में आयोजित सात दिवसीय निश्शुल्क योग शिविर के दूसरे दिन साधकों ने विभिन्न आसन किए। मंगलवार सुबह छह बजे से शिविर शुरू हुआ। मुख्य अतिथि जैन धर्मशाला के प्रधान प्रवीन जैन ने कहा कि योग करने से शरीर और मन दोनों स्वस्थ रहते हैं। इसलिए नित्य योग करना चाहिए। वहीं, भारतीय योग संस्थान के पश्चिमी जिला प्रधान सुधीर वर्मा के नेतृत्व में काफी संख्या में शहरवासियों ने योगासन कर स्वस्थ शरीर का संदेश दिया।
भारतीय योग संस्थान के प्रांतीय महामंत्री मोहनलाल विरमानी ने कहा कि 28 फरवरी को शिविर समाप्त होगा। संगठन का प्रयास है कि अधिकाधिक लोग शिविर का लाभ उठा सकें। इस मौके पर इस मौके पर जनरल मर्चेंट््स एसोसिएशन के संरक्षक सुधीर कुमार जैन, अजय गर्ग, भारतीय योग संस्थान के जिला प्रधान स्वरूप सिंह भंडारी, सुधीर वर्मा, प्रधान विवेक अग्रवाल, मंत्री महावीर प्रसाद गुप्ता, गीता वर्मा आदि मौजूद रहे।
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