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कूड़ा निस्तारण को तय होगी कंपनियों की जवाबदेही

कुंभ क्षेत्र ऋषिकेश हरिद्वार और मुनिकीरेती में ठोस अपशिष्ट और प्लास्टिक के निस्तारण के लिए शहरी विकास विभाग जर्मन की संस्था जीआइजेड के साथ मिलकर कार्य करेगा। अत्यधिक खपत वाले प्लास्टिक पैकेट के कारण बढ़ रहे कूड़े को लेकर संबंधित कंपनियों की जवाबदेही भी सुनिश्चित की जाएगी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 Feb 2020 08:36 PM (IST)Updated: Mon, 10 Feb 2020 08:36 PM (IST)
कूड़ा निस्तारण को तय होगी कंपनियों की जवाबदेही

जागरण संवाददाता, ऋषिकेश: कुंभ क्षेत्र ऋषिकेश, हरिद्वार और मुनिकीरेती में ठोस अपशिष्ट और प्लास्टिक के निस्तारण के लिए शहरी विकास विभाग जर्मन की संस्था जीआइजेड के साथ मिलकर कार्य करेगा। अत्यधिक खपत वाले प्लास्टिक पैकेट के कारण बढ़ रहे कूड़े को लेकर संबंधित कंपनियों की जवाबदेही भी सुनिश्चित की जाएगी।

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सोमवार को नगर निगम के सभागार में जर्मन कंपनी के विशेषज्ञों के साथ नगर निगम ऋषिकेश और नगर पालिका मुनिकीरेती के अधिकारियों की बैठक हुई। इस दौरान अधीक्षण अभियंता शहरी विकास रवि पांडे ने बताया कि इन शहरों में कूड़ा प्रबंधन को लेकर योजना बनाई जा रही है। जिसके तहत कूड़ा निस्तारण उपकरण एवं संयंत्र लगाए जाएंगे। बड़ी कंपनियों जैसे नेस्ले, पारले, मैगी, बिसलरी आदि के पैकेट के निस्तारण को लेकर आने वाली समस्या को लेकर कूड़ा निस्तारण में इन कंपनियों की भी जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा कि नगर का कूड़ा नगर में ही निस्तारित हो, जैसे पतले प्लास्टिक से सड़क निर्माण, मोटे से बिल्डिग और सेकंड ग्रेड प्लास्टिक से पाइप बनाए जा सकते हैं। इसके लिए छोटे-छोटे प्लांट लगाने की जरूरत होगी।

बैठक में जर्मन की विशेषज्ञ पैरवैक्स फ्रॉनजोईस ने पूछा कि कुंभ जैसे बड़े मेले के लिए योजना तो बनती है मगर अन्य त्योहार में होने वाले स्नान के दौरान बाहर से आने वाली आबादी के कूड़े के लिए अलग से क्यों नहीं योजना बनाई जाती है। बैठक में नगर आयुक्त नरेंद्र सिंह क्वीरियाल, परियोजना निदेशक नमामि गंगे संदीप कश्यप, विशेषज्ञ मिराज अहमद,सहायक नगर आयुक्त विनोद लाल, अधिशासी अधिकारी मुनिकीरेती बीपी भट्ट, सफाई निरीक्षक सचिन रावत, डीडी सेमवाल,संतोष सिंह, अभिषेक मल्होत्रा, भूपेंद्र सिंह पंवार आदि मौजूद रहे।

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कूड़ा कलेक्शन पर समान शुल्क

अधीक्षण अभियंता शहरी विकास रवि पांडे ने बताया कि कूड़ा कलेक्शन में होटल रेस्टोरेंट और अन्य व्यापारी के साथ समान शुल्क लगाया गया है। अब इस बात पर विचार किया जा रहा है कि होटल रेस्टोरेंट के अंदर सीवर सीट, बिस्तर संख्या और एकत्र होने वाले कूड़े के वजन के हिसाब से शुल्क का निर्धारण किया जाए।


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