एमकेपी पीजी कॉलेज में दो साल बाद एबीवीपी की वापसी Dehradun News
एमकेपी पीजी कॉलेज में छात्रसंघ चुनाव में एबीवीपी ने जबरदस्त वापसी की है। एबीवीपी ने छात्रसंघ के पांच पदों में से चार पर जीत हासिल की।
देहरादून, जेएनएन। एमकेपी पीजी कॉलेज में छात्रसंघ चुनाव में एबीवीपी ने जबरदस्त वापसी की है। एबीवीपी ने छात्रसंघ के पांच पदों में से चार पर जीत हासिल की। एनएसयूआइ को उपाध्यक्ष पद ही मिला और इस पद पर एनएसयूआइ के खिलाफ कोई दावेदार मैदान में नहीं थी।
एमकेपी पीजी कॉलेज में इस दफा कुल 33.54 फीसद मतदान हुआ। यहां 2734 छात्राओं का नाम मतदान सूची में थे, जिसमें से मात्र 917 छात्राओं ने ही वोट डाले। सोमवार को मतदान के लिए सुबह साढ़े आठ बजे से ही कैंपस में छात्राओं को पहुंचना शुरू हुआ। जबकि मतदान साढ़े दस बजे से होना था। ॉ
कॉलेज प्रबंधन और पुलिस की चौकस व्यवस्था के बीच छात्राओं को चेंकिंग के बाद ही कॉलेज में प्रवेश मिला। हर बार की तरह इस बार भी कॉलेज में चुनाव के दौरान पूरा अनुशासन देखने को मिला। पोलिंग के लिए बनाए गए चारों कमरों के बाहर छात्राओं की लाइन लगवाई गई।
यहां दोपहर ढाई बजे तक मतदान चला। लगभग सवा तीन बजे मतगणना शुरू हुई। साढ़े चार बजे मतगणना पूरी होने के बाद पांच बजे चुनाव अधिकारी डा. ऋचा कांबोज ने चुनाव परिणाम घोषित किए।
अध्यक्ष पद पर एबीवीपी प्रत्याशी मनीषा राणा ने एनएसयूआइ की नीतू सिंह बिष्ट को 123 मतों से मात दी। महासचिव पद पर एबीवीपी की अंकिता जगूड़ी ने एनएसयूआइ की मानसी को 106 मतों से हराया। सह सचिव पद पर एनएसयूआइ की तनु ने आशिता शर्मा को 180 मतों से पछाड़ा। कोषाध्यक्ष पद पर एबीवीपी की अनीता ने एनएसयूआइ की प्रत्याशी रोहिणी राणा को 160 मतों से हराया।
वहीं, विश्वविद्यालय प्रतिनिधि के पद पर एबीवीपी की अंजली हुरिया ने अदिति रतूड़ी को 201 मतों से हराया। एमकेपी पीजी कॉलेज में उपाध्यक्ष पद पर एनएसयूआई प्रत्याशी ईरम को निर्विरोध जीत मिली। वहीं, छह छात्राओं को अकादमिक, खेल- कूद, एनसीसी, एनएसएस और सांस्कृतिक क्रियाकलापों के लिए मनोनीत कार्यकारिणी सदस्य चुना गया। कॉलेज प्राचार्य डा. रेखा खरे ने सभी विजेताओं को शपथ दिलाई।
कॉलेज में ही निकाली रैली
एमकेपी पीजी कॉलेज में एबीवीपी ने इस साल लगभग पूरे पैनल पर कब्जा किया है। जीत की खुशी में छात्राओं ने कॉलेज में ही रैली निकाली। यहां एबीवीपी से जुड़ी छात्राओं की आखों में खुशी तो एनएसयूआइ सदस्यों की आंखें नम हो गईं।
मनोनीत कार्यकारिणी
मनीषा शर्मा, बेनी थोंग, स्तुति थपलियाल, आफरीन, गुंजन गुरंग और काजल पडियार।
छोटे पदों पर नोटा और अवैध ज्यादा
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एमकेपी पीजी कॉलेज में छोटे पदों पर सबसे ज्यादा नोटा का इस्तेमाल हुआ। कोषाध्यक्ष पद पर सबसे ज्यादा 60, सहसचिव पर 20, विवि प्रतिनिधि पर 18, सचिव और महासचिव पर 09 और अध्यक्ष पद पर मात्र 01 नोटा पड़ा। वहीं कुल 121 अवैध मत घोषित किए गए।
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