तीर्थ नगरी को लावारिस गोवंश से कब मिलेगी मुक्ति
जागरण संवाददाता ऋषिकेश तीर्थ नगरी के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में गोवंश की दुर्दशा हो रही है। नगर निगम प्रशासन ने श्यामपुर में एक संस्था को आवरा गोवंश को रखने की अनुमति दी थी।
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश
तीर्थ नगरी के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में गोवंश की दुर्दशा हो रही है। नगर निगम प्रशासन ने श्यामपुर में एक संस्था को आवरा गोवंश को रखने की अनुमति दी थी। साथ ही गैंडी खाता हरिद्वार में एक गोशाला ने भी इस पर सहमति दी थी। बावजूद इसके समस्या बरकरार है।
ऋषिकेश में इंद्रमणि बडोनी चौक, गुमानीवाला श्यामपुर बाईपास खदरी मुख्य मार्ग, आइपीएल कैनल गेट, सिटी गेट, डिग्री कॉलेज चौराहे के अलावा आंतिरिक मार्गो पर भी अक्सर आवारा गोवंश घूमते हैं। गोवंश के कारण यातायात बाधित होने के साथ ही कई बार दुर्घटनाएं भी होती हैं। नगर निगम ने एक वर्ष पूर्व आवारा गोवंश को यहां से हटाने की पहल की थी। मां शकुंतला गौ सेवा ट्रस्ट खदरी खड़क माफ को गौधाम संचालन के लिए नगर निगम ने अधिकृत किया था। उस वक्त शहर से लावारिस गौवंश को वहां शिफ्ट किया गया था। कुछ सप्ताह पूर्व नगर निगम की महापौर अनीता ममगाई ने हरिद्वार स्थित कृष्णायन देसी गौशाला के प्रमुख संचालक महंत ईश्वरदास महाराज से मुलाकात कर इस समस्या पर वार्ता की थी। गौशाला ने लावारिस गोवंश को रखने पर सहमति भी जताई थी। मगर, उसके बावजूद शहर की सड़कें इस तरह के पशुओं से मुक्त नहीं हो पाई है।
धरातल से गायब गौ सेवा आयोग
तत्कालीन मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी ने अपने कार्यकाल में गौ सेवा आयोग का गठन किया था। तय हुआ था कि नगर निकाय और ग्राम पंचायतें अपने क्षेत्र में गो पालकों का पंजीकरण करेंगी। गोवंश की गणना की जाएगी। सड़कों पर घूमने वाले गोवंश को कांजी हाउस में रखा जाएगा और इन पर आने वाले खर्च की वसूली गो पलकों से की जाएगी। मगर अब तक किसी भी ग्राम पंचायत और नगर निकाय ने इस पर अमल नहीं किया है।
कांजी हाउस की जमीन पर दुकान
नगर निगम गठन से पूर्व नगर पालिका परिषद के पास यात्रा बस अड्डे में अपना कांजी हाउस था। करीब एक दशक पूर्व तत्कालीन पालिका प्रशासन ने इस कांजी हाउस को तुड़वा दिया था। बाद में कांजी हाउस की भूमि पर एक व्यक्ति ने जनरल स्टोर खोल दिया। नगर निगम ने इसे अतिक्रमण के रूप में चिह्नित किया था और कागजों में कार्रवाई भी हुई। जिलाधिकारी के आदेश के बावजूद यहां से अतिक्रमण नहीं हटा है। मामला कोर्ट में जाने के बाद नगर निगम प्रशासन इस मामले में कोर्ट में जवाब भी दाखिल कर चुका है। मगर, अतिक्रमण बरकरार है।
कांजी हाउस का नहीं हो रहा उपयोग
श्यामपुर में पंचायत के गुमानीवाला क्षेत्र में करीब चार दशक पूर्व जिला पंचायत देहरादून में आवारा पशुओं के लिए कांजी हाउस का निर्माण कराया था। पिछले एक दशक से इस कांजी हाउस की सुध किसी ने नहीं ली है। कुछ वर्ष पूर्व जनप्रतिनिधियों ने इस पर अवैध कब्जा करने की नाकाम कोशिश की थी। इसके बावजूद प्रशासन अपनी करीब चार बीघा भूमि को लेकर गंभीर नजर नहीं आया। वर्तमान में यह भूमि कांजी हाउस के नाम पर ही दर्ज है। फर्क इतना है कि यहां आवारा मवेशी नहीं बल्कि बिल्डिग मैटेरियल सप्लायर्स का माल रखा जा रहा है। पूरे भूखंड पर ईंट के चट्टे लगे हैं। इस भूखंड का अवैध रूप से इस तरह व्यवसायिक प्रयोग हो रहा है।
गंगा सुरक्षा समिति की बैठक में जिलाधिकारी गुमानीवाला के कांजी हाउस पर करवाई के लिए कह चुके हैं। नगर निगम के स्तर पर सभी प्रयास इस समस्या के निस्तारण के लिए किए जा रहे हैं। शीघ्र ही इस पर कार्य योजना तैयार कर कार्रवाई होगी।
- अनीता ममगाई, महापौर, नगर निगम ऋषिकेश