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उत्तराखंड में 5.58 लाख पेंशनर्स को नहीं मिल पाई है चौथी किस्त, निदेशालय में अटके 83.70 करोड़

वर्ष 2022 की अक्टूबर नवंबर व दिसंबर की पेंशन अभी तक जारी नहीं की गई है। आधा पैसा शासन व आधा पैसा निदेशालय में अटका है। नेशनल इलेक्ट्रानिक फंड ट्रांसफर (एनईएफटी) से खातों को लिंक कराया गया होता तो पैसा सीधे खाते में भेज दिया जाता।

By Jagran NewsEdited By: Nitesh SrivastavaPublished: Wed, 22 Mar 2023 11:15 AM (IST)Updated: Wed, 22 Mar 2023 11:15 AM (IST)
तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। जागरण

 जागरण संवाददाता, हल्द्वानी: प्रदेश के 5.58 लाख पेंशनर्स को वर्ष 2022 की पेंशन की चौथी किस्त अब तक नहीं मिल पाई है। पेंशन के 83.70 करोड़ रुपये शासन व निदेशालय में अटके हैं। निदेशालय के अधिकारियों का तर्क है कि आधी किस्त शासन से मिल चुकी है। जिसे जल्द पेंशनरों के खातों में भेजा जाएगा।

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समाज कल्याण निदेशालय की ओर से प्रदेश के 4.64 लाख पेंशनर को वृद्धावस्था, विधवा व दिव्यांग पेंशन दी जाती है। सीएम पुष्कर सिंह धामी सरकार ने वृद्धावस्था पेंशन पति-पत्नी दोनों को देने की सशर्त घोषणा की थी। इसके बाद पेंशनर्स की संख्या 5.58 लाख पहुंच गई थी। समाज कल्याण विभाग ने इन्हें अपने रिकार्ड में शामिल कर लिया था।

वर्ष 2022 की अक्टूबर, नवंबर व दिसंबर की पेंशन अभी तक जारी नहीं की गई है। आधा पैसा शासन व आधा पैसा निदेशालय में अटका है। नेशनल इलेक्ट्रानिक फंड ट्रांसफर (एनईएफटी) से खातों को लिंक कराया गया होता तो पैसा सीधे खाते में भेज दिया जाता। अभी बजट निदेशालय से जिला समाज कल्याण विभाग और फिर पेंशनर्स के खातों में जाता है।

समाज कल्याण के प्रभारी निदेशक आशीष भटगई ने कहा कि पेंशनर्स को 2022 की चौथी किस्त जल्द दे दी जाएगी। शासन स्तर से कुछ बजट मिल चुका है। साथ ही नए साल की पहली किस्त भी जल्द जारी होगी।

चार किस्तों में जारी होती है पेंशन

समाज कल्याण निदेशालय चार किस्तों में पेंशन जारी करता है। इसके लिए तीन-तीन माह की चार श्रेणी बनाई गई है। जनवरी, फरवरी व मार्च माह की पहली किस्त जारी होती है। इस तरह शेष महीनों की किस्त पेंशनर्स के खातों तक पहुंचती है।

वर्ष 2023 के तीन महीने बीत जाने के बाद पुरानी किस्तें नहीं मिल सकी हैं। जबकि नए साल की किस्त मिलने का समय भी बीत चुका है। प्रदेश में दिव्यांग पेंशनर्स की संख्या सबसे कम है। समाज कल्याण निदेशालय से प्राप्त रिकार्ड के अनुसार प्रदेश में 75388 दिव्यांगों को हर साल चार किस्तों में 32 करोड़ रुपये जारी किए जाते हैं।


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