दिल्ली से 40 हजार प्रवासियों के आने का रास्ता साफ
कोरोना महामारी के बाद अब दिल्ली से देहरादून आने के इच्छुक प्रवासी उत्तराखंडवासियों की वापसी का रास्ता काफी हद तक साफ हो गया है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: कोरोना महामारी के बाद अब दिल्ली से देहरादून आने के इच्छुक प्रवासी उत्तराखंडवासियों की वापसी का रास्ता काफी हद तक साफ हो गया है। केंद्र सरकार ने दिल्ली में रह रहे प्रवासी उत्तराखंडियों को वापस लाने के लिए रेल उपलब्ध कराने को सहमति प्रदान कर दी है। वहीं, बैंगलुरू में फंसे 1200 लोगों के लिए भी 11 मई को वहां से ट्रेन आ सकती है। इसके अलावा विभिन्न राज्यों से भी लोगों को रेल से लाने की योजना बनाई जा रही है। प्रदेश सरकार ने रेल से यात्रियां को लाने के लिए 50 लाख रुपये एडवांस के रूप में भी जारी कर दिए हैं। मकसद यह कि किसी यात्री से रेल से आने का किराया न लिया जाए।
कोरोना के कारण देशभर में लगे लॉकडाउन के बीच जगह-जगह उत्तराखंड के लोग फंसे हुए हैं। इन्हें रेल के माध्यम से लाने के लिए लगातार कार्ययोजना बनाई जा रही है। इस कड़ी में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दिल्ली से वापस आने का अनुरोध करने करने वाले तकरीबन 40 हजार उत्तराखंडवासियों को वापस लाने के लिए केंद्र से वार्ता की थी। इस पर रेल मंत्री श्री पीयूष गोयल ने सहमति दी है। मुख्यमंत्री ने इसके लिए रेल मंत्री का आभार व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्र ने राज्य सरकार को इसके लिए प्लान बनाकर देने को कहा है ताकि उसी हिसाब से रेल उपलब्ध कराई जा सके। केंद्रीय रेल मंत्री ने मुख्यमंत्री द्वारा दो स्थान पर रेल रोके जाने के अनुरोध को भी रेल मंत्री ने स्वीकार किया।
वहीं, सचिव परिवहन शैलेश बगोली ने बताया कि प्रदेश सरकार देश के विभिन्न क्षेत्रों में फंसे लोगों को रेल से वापस लाने की योजना बना रही है। इसके तहत राजस्थान, केरल, मुंबई और बैंगलुरू से लोगों को वापस लाया जाएगा। इसके लिए अभी कोई तिथि नहीं तय हुई है। जो तिथियां सोशल मीडिया में चल रही हैं वह भ्रामक हैं। अभी केवल बैंगलुरू से 1200 लोगों को 11 मई को लेकर आना प्रस्तावित है। हालांकि, इस पर भी अभी अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। उन्होने कहा कि जैसे ही ट्रेन से लोगों को वापस लाने की सही तारीख तय हो जाएगी तो फंसे हुए लोगों व संबंधित राज्यों से समन्वय बनाकर इसकी तिथि घोषित की जाएगी और उन्हें वापस लाया जाएगा।