Coronavirus: हिमालयन हॉस्पिटल में 300 बेड आइसोलेशन वार्ड के लिए आरक्षित
स्वर्गीय स्वामी राम द्वारा स्थापित हिमालयन हॉस्पिटल ट्रस्ट जौलीग्रांट ने कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में सरकार को और सहयोग की मदद करने की बात कही है।
देहरादून, जेएनएन। स्वर्गीय स्वामी राम द्वारा स्थापित हिमालयन हॉस्पिटल ट्रस्ट जौलीग्रांट ने कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में सरकार को और सहयोग की मदद करने की बात कही है। इस कड़ी में हिमालय हॉस्पिटल ट्रस्ट ने हॉस्पिटल में 300 बेड आइसोलेशन वार्ड के लिए आरक्षित किए हैं।
स्वामी राम हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट के कुलपति विजय धस्माना ने प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को पत्र लिखकर अवगत कराया कि कोविड-19 की चेन तोड़ने के लिए सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने को तैयार हैं। इसके लिए हिमालयन अस्पताल के 300 बेड आइसोलेशन वार्ड के लिए आरक्षित किए गए हैं। आवश्यकता पड़ने पर और बेड की व्यवस्था की जा सकती है। अस्पताल कोरोना वायरस से संक्रमित संदिग्ध मरीजों के लिए उपचार के लिए पूरी तरह से तैयार है। अस्पताल का पूरा स्टाफ सहयोग करेगा। उन्होंने इस जंग से लड़ने के लिए सीएम से स्टाफ को सुरक्षा उपकरणों की मांग की है।
पांच लोगों की कोरोना जांच रिपोर्ट निगेटिव
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश से जांच के लिए भेजी गई पांच कोरोना वायरस आशंकित रोगियों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। जिन्हें छुट्टी दे दी गई है। एम्स के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. हरीश मोहन थपलियाल ने बताया कि यहां भर्ती आठ लोगों के ब्लड सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे।
इनमें से पांच लोगों की रिपोर्ट आ गई है जो निगेटिव है। जिसके बाद इन सभी लोगों को छुट्टी दे दी गई। उन्होंने बताया कि एम्स में तीन लोग भर्ती हैं। जिनकी अभी रिपोर्ट नहीं आई है। एम्स में अब तक कुल 19 लोग लाए गए थे। जिनमें 16 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है।
नौ लोगों को जांच के बाद भेजा होम क्वारंटाइन
कोरोना वायरस को लेकर लोगों में खासी जागरूकता देखी जा रही है। इसी का ही परिणाम है कि लोग थोड़ा सा भी स्वास्थ्य खराब होने पर चिकित्सकों से सलाह ले रहे हैं। इसके अलावा अपने आसपास भी संदिग्ध या फिर बाहर ये आए हुए लोगों की प्रशासन को तुरंत सूचना दी जा रही है। प्रशासन ने ऐसे ही नौ लोगों को स्वास्थ्य परीक्षण कराने के बाद होम क्वारंटाइन किया। इनमें दो नेपाली मजदूरों समेत चार लोग चकराता क्षेत्र के हैं जबकि अन्य पांच पछवादून से हैं।
एसडीएम चकराता डॉ. अपूर्वा सिंह ने बताया कि घणता क्षेत्र में नेपाली मूल के दो मजदूरों और लाखामंडल में अन्य राज्यों से दो स्थानीय लोगों के आने की सूचना मिली थी। जिस पर मेडिकल टीम ने मौके पर पहुंचकर सभी का स्वास्थ्य परीक्षण किया। हालांकि किसी में भी कोरोना से संबंधी लक्षण नहीं मिले।
सभी को होम क्वारंटाइन की सलाह दी गई है। स्वास्थ्य विभाग व राजस्व पुलिस टीम उनकी देखरेख कर रही है। बताया कि पिछले पांच दिनों में चकराता, त्यूणी व कालसी क्षेत्र में बाहर से आए कुल सोलह लोगों को प्रशासन ने मेडिकल चेकअप के बाद होम क्वारंटाइन और त्यूणी व कालसी अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में रखा है।
उधर, उप जिला चिकित्सालय विकासनगर प्रभारी केके शर्मा ने बताया कि शुक्रवार को बाइपास रोड पर मयांमार से बीते चार मार्च को आए एक व्यक्ति की जांच कर उसे होम कोरंटाइन किया। इसके अलावा चिकित्सकों की टीम ने जमनीपुर में चेन्नई से आए चार लोगों का चेकअप किया और होम क्वारंटाइन की सलाह दी है। उन्होंने बताया कि तहसीलदार आकांक्षा वर्मा को होम क्वारंटाइन लोगों की सूची भी प्रेषित की गई है। चिकित्सा अधीक्षक ने कालिंदी व लेहमन अस्पताल में दस से बीस प्रतिशित तक बैड आरक्षित रखने का भी आग्रह किया।
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फ्लू ओपीडी में मरीजों की संख्या पहुंची सौ से ऊपर
विकासनगर में मौसम परिवर्तन के चलते उप जिला चिकित्सालय की फ्लू ओपीडी में मरीजों की संख्या शुक्रवार को सौ से ऊपर पहुंच गयी। जुकाम, बुखार, खांसी आदि के मरीजों के परीक्षण में अभी तक किसी में भी लक्षण न मिलने पर स्वास्थ्य महकमे ने राहत की सांस ली है। मास्क, किट व अन्य सामान की कमी होने पर चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके शर्मा ने उच्चाधिकारियों को डिमांड भेजी है। शर्मा ने बताया कि मरीजों के उपचार के दौरान नियमों का पूरा पालन किया जा रहा है।
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