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कर्मकार बोर्ड ने टाला विशेष ऑडिट का फैसला, इसपर कैग की रिपोर्ट के बाद होगा निर्णय

उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड ने पिछले तीन साल के कार्यों का विशेष ऑडिट कराने का फैसला फिलहाल टाल दिया है। भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) की ओर से बोर्ड का रूटीन ऑडिट किए जाने के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sat, 21 Nov 2020 10:42 AM (IST)Updated: Sat, 21 Nov 2020 10:42 AM (IST)
कर्मकार बोर्ड ने टाला विशेष ऑडिट का फैसला।

देहरादून, राज्य ब्यूरो। उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड ने पिछले तीन साल के कार्यों का विशेष ऑडिट कराने का फैसला फिलहाल टाल दिया है। भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) की ओर से बोर्ड का रूटीन ऑडिट किए जाने के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है। कैग की रिपोर्ट मिलने के बाद ही विशेष ऑडिट के बारे में निर्णय लिया जाएगा।

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बोर्ड के नवनियुक्त अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल की अध्यक्षता में सात नवंबर को हुई बोर्ड बैठक में ये बात सामने आई थी कि वर्ष 2017 से बोर्ड के कार्यों का कोई ऑडिट नहीं हुआ है। इसे देखते हुए निर्णय लिया गया था कि इस अवधि का विशेष ऑडिट कराया जाए। हालांकि, पूर्व में कैग की ओर से बोर्ड को ऑडिट के मद्देनजर दो बार पत्र भेजे गए, मगर तब इसे तवज्जो नहीं दी गई थी।

श्रमायुक्त एवं बोर्ड की नवनियुक्त सचिव दीप्ति सिंह के अनुसार अब कैग ने अन्य विभागों की तरह बोर्ड के कार्यों का भी 17 नवंबर से ऑडिट शुरू कर दिया है। यह रूटीन ऑडिट है। कैग की ओर से अब तक जो जानकारियां मांगी गई, वह उसे उपलब्ध कराई गई हैं। उन्होंने बताया कि कैग की ऑडिट रिपोर्ट मिलने के बाद देखा जाएगा कि विशेष ऑडिट कराना है अथवा नहीं। बोर्ड पर इस फैसला लेगा और फिर विशेष ऑडिट के लिए वित्त विभाग को पत्र भेजा जाएगा।

श्रमिकों के भौतिक सत्यापन के निर्देश

बोर्ड की सचिव के अनुसार पिछली बैठक में बोर्ड में श्रमिकों के पंजीकरण की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने और पंजीकृत श्रमिकों के भौतिक सत्यापन का निर्णय भी लिया गया था। इस क्रम में श्रम प्रवर्तन अधिकारियों को निरीक्षण के निर्देश दिए गए हैं। संभवत: सोमवार से इनकी रिपोर्ट मिलने लगेंगी। उन्होंने कहा कि यदि कहीं ये बात सामने आई कि पंजीकरण गलत हुए हैं, तो ऐसे मामलों में संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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