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उत्तराखंड: कैबिनेट में रखी जाएगी पांडेय समिति की रिपोर्ट, ऊर्जा क्षेत्र के सावर्जनिक निगमों में जवाबदेही होगी तय

ऊर्जा क्षेत्र के सार्वजनिक निगमों के कामकाज में पारदर्शिता वित्तीय अनुशासन और प्रशासनिक जवाबदेही तय होगी। इसके लिए प्रबंध निदेशकों और निदेशकों के पदों पर योग्य और पेशेवर व्यक्तियों को नियुक्त किया जाएगा। पूर्व मुख्य सचिव इंदु कुमार पांडे समिति की रिपोर्ट को मुख्यमंत्री ने मंजूरी दे दी।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sat, 21 Nov 2020 09:05 AM (IST)Updated: Sat, 21 Nov 2020 09:05 AM (IST)
उत्तराखंड: कैबिनेट में रखी जाएगी पांडेय समिति की रिपोर्ट।

देहरादून, राज्य ब्यूरो। ऊर्जा क्षेत्र के सार्वजनिक निगमों के कामकाज में पारदर्शिता, वित्तीय अनुशासन और प्रशासनिक जवाबदेही तय होगी। इसके लिए प्रबंध निदेशकों और निदेशकों के पदों पर योग्य और पेशेवर व्यक्तियों को नियुक्त किया जाएगा। इस संबंध में पूर्व मुख्य सचिव इंदु कुमार पांडे समिति की रिपोर्ट को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंजूरी दे दी। अब मंत्रिमंडल की मंजूरी लेकर इसे लागू किया जाएगा। 

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प्रदेश में ऊर्जा के तीनों निगमों की कार्यप्रणाली को ज्यादा पेशेवर बनाने और ऊर्जा सुधारों पर तेजी से अमल करने पर सरकार का जोर है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत निगमों के कामकाज से लेकर उनमें होने वाली नियुक्तियों में पारदर्शिता लाने की हिदायत दे चुके हैं। इन निगमों में प्रबंध निदेशकों और निदेशकों की नियुक्तियों को लेकर पिछले लंबे अरसे से विवाद सामने आते रहे हैं। 

बीते वर्षों में प्रबंध निदेशक के तौर पर ऐसे अधिकारियों की तैनाती हुई जिन पर पहले अन्य राज्यों के निगमों में जिम्मेदार पदों पर रहते हुए गंभीर आरोप लगे। नियुक्तियों में अच्छे व्यक्तियों को मौका दिए जाने और केंद्र सरकार के सार्वजनिक उपक्रमों की तर्ज पर प्रक्रिया अपनाने पर विचार करने को गठित इंदु कुमार पांडे समिति ने बीते दिनों अपनी रिपोर्ट ऊर्जा सचिव को सौंपी थी। समिति ने केंद्र सरकार के सार्वजनिक उपक्रमों के निदेशकों की भर्ती को प्रचलित नियमों का अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट में सिफारिश की है। समिति ने करीब सवा तीन महीने में अपनी रिपोर्ट तैयार की।

इस रिपोर्ट के आधार पर उक्त तीनों निगमों में प्रबंध निदेशकों और निदेशकों के पदों पर भर्ती के लिए योग्यता के मानक नए सिरे से तय किए जाएंगे। ऊर्जा सचिव राधिका झा ने बताया कि समिति की रिपोर्ट मुख्यमंत्री के समक्ष रखी गई। उनकी सैद्धांतिक सहमति मिल चुकी है। मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद सरकार इन्हीं नियमों के आधार पर ऊर्जा निगम, पारेषण निगम और जलविद्युत निगमों में प्रबंधन से जुड़े पदों पर नियुक्तियां करेगी।

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