एक लाख में से महज तीन हजार ही आने के इच्छुक
अन्य राज्यों से प्रवासियों के उत्तराखंड लौटने का सिलसिला अब घट रहा है। राज्य में आने के लिए पंजीकरण कराने वाले करीब एक लाख लोगों में महज तीन हजार ने ही हामी भरी है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून
अन्य राज्यों से प्रवासियों के उत्तराखंड लौटने का सिलसिला अब घट रहा है। राज्य में आने के लिए पंजीकरण कराने वाले करीब एक लाख लोगों में महज तीन हजार ने ही हामी भरी है। अब सरकार आने वाले कुछ दिनों तक इस ट्रेंड पर नजर रखेगी। प्रवासियों की संख्या घटने की वजह से राज्य सरकार अब ट्रेन के बजाए बसों से उन्हें लाएगी।
सरकार के प्रवक्ता व काबीना मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि उत्तराखंड लौटने के इच्छुक प्रवासियों की संख्या में अब लगातार कमी आ रही है। पंजीकरण कराने वाले प्रवासियों से वापसी के लिए संपर्क करने पर उनका रिस्पांस अब घटकर तीन फीसद रह गया है। उन्होंने कहा कि ऐसा रहा तो आने वाले कुछ दिनों में प्रवासियों को लाने का अभियान पूरा हो जाएगा। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड आने वाले प्रवासियों में सबसे ज्यादा महाराष्ट्र से 57 फीसद हैं। दूसरे स्थान पर दिल्ली है। वहां से 14 फीसद प्रवासी लौटे हैं। गुजरात से यह आंकड़ा दो फीसद है। इसके अतिरिक्त पंजाब या अन्य प्रदेशों से यह एक फीसद या उससे भी कम है।
उधर, अन्य राज्यों से उत्तराखंड आने के लिए पंजीकरण कराने वाले लोगों की संख्या 2,59,646 है। अभी तक 1,78,232 लोग आ चुके हैं। अन्य राज्यों को जाने के लिए 54,682 लोगों ने पंजीकरण कराया है, जबकि अब तक 61332 लोगों को बाहर भेजा जा चुका है। राज्य के विभिन्न जिलों में आवाजाही करने वालों की संख्या 1,34,911 है।
इनसेट:
तीन दिनों में रेल व बस से प्रवासियों को लाएंगे
अगले तीन दिनों में गुजरात, तेलंगाना, पुणे, सूरत, दिल्ली, चेन्नई, उत्तरप्रदेश व अन्य राज्यों में फंसे हुए लोगों को रेल व बस से लाने की प्रक्रिया गतिमान है। देहरादून से बेतिया, बिहार के लिए स्पेशल रेल शनिवार को प्रस्तावित है। जयपुर से काठगोदाम और दिल्ली से हरिद्वार व कोठगोदाम स्पेशल रेल आगामी दो-तीन दिनों में प्रस्तावित है। इसीतरह मैंगलोर-गोवा-नासिक-हरिद्वार स्पेशल रेल आगामी दो-तीन दिनों में प्रस्तावित है। नेपाल से बनबसा के रास्ते शनिवार को 385 लोग आएंगे।