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प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए ऑनलाइन आवेदन, पढ़िए पूरी खबर

उत्‍तराखंड में प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए परिवहन विभाग ने प्रक्रिया ऑनलाइन कर दी है। ये सुविधा भी दी है कि आवेदन पर आरटीओ तत्काल कदम उठाएं।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sat, 21 Sep 2019 02:06 PM (IST)Updated: Sat, 21 Sep 2019 08:21 PM (IST)
प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए ऑनलाइन आवेदन, पढ़िए पूरी खबर

देहरादून, जेएनएन। राज्य में प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए परिवहन विभाग ने प्रक्रिया ऑनलाइन कर दी है। ये सुविधा भी दी है कि आवेदन पर आरटीओ तत्काल कदम उठाएं, ताकि जांच केंद्र खोले जाने में देर ना हो।

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अभी तक प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए परिवहन आयुक्त कार्यालय में फार्म भरकर आवेदन करना होता था। इसके बाद संबंधित आरटीओ या एआरटीओ मौके पर जाकर गैराज या जांच केंद्र प्रस्तावित स्थल की भौतिक जांच करते हैं और रिपोर्ट भेजते हैं। यह प्रक्रिया काफी लंबी हो रही। मोटर वाहन अधिनियम की नई शर्ते लागू होने के बाद प्रदेश में वाहनों की प्रदूषण जांच कराने के लिए मारामारी मची हुई है।

चूंकि, केंद्रों की संख्या बेहद कम है, ऐसे में सरकार ने प्रक्रिया को शिथिल करने के आदेश दिए हैं। साथ ही सभी पेट्रोल पंपों पर भी जांच केंद्र खोलना अनिवार्य कर दिया है। इसकी वजह से परिवहन आयुक्त कार्यालय में हर रोज जांच केंद्र खोलने के आवेदन बढ़ते जा रहे हैं। देहरादून के लोगों को परेशानी नहीं आ रही, लेकिन दूसरे जनपदों के आवेदकों को दून की दौड़ लगानी पड़ रही है।

इससे प्रक्रिया में देरी हो रही। परिवहन आयुक्त शैलेश बगोली ने इसका संज्ञान लेकर अब जांच केंद्र खोलने का आवेदन ऑनलाइन कर दिया है। आदेश दिए हैं कि ऑनलाइन आवेदन ही स्वीकार किए जाएं। इसके लिए आवेदन शुल्क चार हजार रुपये भी ट्रेजरी के चालान के जरिए जमा होगा। आयुक्त ने आवेदन के 15 दिन के भीतर जांच केंद्र को खोलने की अनुमति देने के आदेश दिए हैं।

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चालक प्रशिक्षण स्कूलों से मांगा डाटा

प्रदेश में चालक प्रशिक्षण स्कूलों से एक माह का डाटा मांगा गया है। शुक्रवार शाम जारी आदेश में परिवहन आयुक्त ने बताया कि सभी स्कूलों को बॉयोमेटिक उपस्थिति अनिवार्य करने को कहा गया था मगर एक माह बीतने के बावजूद अधिकांश स्कूलों ने बॉयोमेटिक मशीनें नहीं लगाई। आशंका है कि स्कूल फर्जी तरीके से चालकों को बिना प्रशिक्षण दिए ही सर्टिफिकेट दे रहे। जिससे अवैध सर्टिफिकेट पर लाइसेंस बनाए जा रहे हैं। आयुक्त ने आदेश दिए हैं कि एक माह में कितने लोगों को प्रशिक्षण दिया गया और सर्टिफिकेट दिए गए, इसका पूरा डाटा मांगा गया है। जो स्कूल डाटा नहीं देगा, उसकी मान्यता निरस्त कर दी जाएगी।  

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